वेद पुराण, उपनिषद् व अन्य प्राचीन ग्रंथों के गगन मंथन के पश्चात उनसे प्राप्त संकेतों के आघार पर महादेव शिव पर लिखी गयी एक अनोखी पुस्तक, जो आज की नयी पीढ़ी की तर्कपूर्ण मानसिकता को छू लेगी और उन्हें पर्याप्त रूप से प्रभावित करेगी. प्रथम भाग में प्रलयजन्य शून्यता के पश्चात जीवन के विकास में शिव की भूमिका का विस्तृत वर्णन हैं, जिसमें महादेव शिव शून्य से शिखर की यात्रा तय करते हैं, और सम्पूर्ण समाज के आश्रयदाता और न्यायकर्ता बन कर उभरते हैं.
Religie en spiritualiteit