कहानी लिखना आसान काम नही है। एक सफल कहानी उसे माना जाता हैं जब पाठक पात्र के साथ सामंजस्य कर उसे सच्ची कहानी मान लें।लेकिन इससे भी बड़ी बात है कि वह कहानी जेहन में उसे एक अमिट छाप छोड़े, एक न भूलने वाली कहानी। लोगों के स्वभाव के अनुसार किसी को कोई एक कहानी अच्छी लगती है तो किसी को दूसरी ।इस पुस्तक को तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा गया है। इसमें युवा लड़के लड़कियां, गृहणी ,शहरी, ग्रामीण,सामान्य लोग, कामकाजी वर्ग,धनी गरीब समाज का प्रत्येक वर्ग प्रमुखता से मुखरित हैं। और यही इस पुस्तक की विशेषता है।
साइंस का विद्यार्थी होने के बावजूद मुझे शुरू से साहित्य के प्रति लगाव था। इसे बढ़ाने और पूरा करने में एक हिंदी पुस्तकालय का बड़ा योगदान है। पुस्तकें पढ़ते- पढ़ते 1993 में हमें कहानियां लिखने का शौक आया एवं कहानी लिखना शुरू किया। 1994 में मेरी तीन कहानियां दरभंगा रेडियो स्टेशन से प्रसारित हुई ।उस समय ₹530 का चेक मिलना वाकई सम्मान वाली बात थी। बाद मे नौकरी में व्यस्तता के कारण इसे जारी नहीं रख पाया। नौकरी से सेवानिवृत्त के बाद एवं करोना काल में जब लोग घरों में कैद थे,मैंने इस समय का सदुपयोग किया एवं अपने शौक को पुनः जागृत किया। नतीजा 2022 के शुरू में मेरी पहली पुस्तक का प्रकाशन हुआ ।’मेरी प्रिय कहानियां एवं पाकिस्तान की एक सर्वश्रेष्ठ कहानी ‘। फिर मेरी दूसरी पुस्तक ‘गागर में सागर’ उसी वर्ष प्रकाशित हुआ एवं तीसरी पुस्तक ‘कसक एवं अन्य कहानियां’ इस वर्ष 2023 में प्रकाशित हुआ था। यह मेरी चौथी पुस्तक है।”