मेरी पुस्तक 'एक एहसास' किसी कल्पना में नहीं बंधी है बल्कि यह स्वछंद एवं उन्मुक्त भाव से जीने की कला सिखाती है साथ ही मेरे जीवन के उन पलों को व्यक्त करती है जहां मेरी भावनाएं प्रेममय रूप में परिलक्षित होती है।
मैं आशा करती हूं कि प्रस्तुत पुस्तक पाठकों के हृदय में एक ऐसा एहसास जगाने में सक्षम होगी जो प्रेम, समर्पण, समीपता, विश्वास और किसी के प्रति साथ के भवसागर में हिलोरे लेने के लिए विवश कर दे। उम्मीद करती हूं कि यह पुस्तक पाठकों को ऐसा अनुभव प्रदान करेगी कि पाठक कह सकेंगे कि जीवन की कल्पना हो तो "एक एहसास" के साथ।
अंत में पाठकों को यहीं संदेश देना चाहूंगी कि-
जीवन की सच्चाई,
जीतने में नहीं।
है किसी के लिए,
हार जाने में।
जीत कर क्या,
करोगे दोस्त।
हम तो साथ है,
बस प्रीत लिए।
तुम आवाज देकर,
तो देखो।।
हम खड़े है साथ तेरे,
तुझे साथ लिए।