काव्य संग्रह “एक प्यार का नगमा” प्रेमासक्त और वियोग भावनाओं की वह पराकाष्ठा है, जो इसके सान्निध्य और अनुपस्थिति दोनो में शाश्वत है। संवेदना से उपजी कविता के हर शब्द में छिपा दर्द, विरह की तड़प के साथ प्रेम के सभी भावनाओं को स्वयं में समेटे हुए है। आशा है कि पाठक भी संवेदनाजन्य भावनाओं की अनुभूति करने में समर्थ रहेंगे।जो रहा गुजरता साथ मेरे, बस वही पिरोते आया हूं।
"एक प्यार का नगमा भेंट" जिसे कागज पर लिखकर लाया हूं।।
✍️ बसंत भगवान राय