Everest Par Tiranga: Everest Par Tiranga: The First Indian Flag on the Top of the World”
Arjun Vajpayee/Anu Kumar
2012-ж. янв. · Prabhat Prakashan
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120
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मैंने एक-एक सेकंड जो वहाँ पर गुजारा; मुझे अच्छी तरह याद है। अंततोगत्वा मैं दुनिया के सबसे ऊँचे शिखर पर था। वहाँ पर भगवान् बुद्ध की एक मूर्ति रखी हुई थी। मैंने झुककर उसे प्रणाम किया। जैसे ही मैंने सिर उठाया; अपने जीवन का सबसे अद्भुत सूर्योदय देखा। यहाँ से सूर्य भी हमसे नीचे दिख रहा था और जैसे-जैसे वह ऊपर उठा; हरेक पहाड़ की चोटी; जो बर्फ से ढकी थी; सोने की तरह चमकने लगी। मीलों तक हमारी दृष्टि के लिए कोई बाधा नहीं थी। मैं पृथ्वी की वक्राकार सतह को देख सकता था। हमने 8;848 मीटर (29;028 फीट) की ऊँचाई से थोड़ी देर चारों तरफ का नजारा देखा; क्योंकि अतिशय शीत के कारण हम वहाँ ज्यादा देर ठहर नहीं सकते थे। हम वहाँ से तिब्बत के पठार के पार की अन्य हिमालयी चोटियाँ देख सकते थे; जैसे—चोयू; मकालू और कंचनजंघा। यह एक आश्चर्यचकित करनेवाला 3600 का दृश्य है। मुझे शिखर पर अपने देश भारत का राष्ट्रीय ध्वज लगाते हुए बहुत गर्व का अनुभव हुआ। मेरा ऑक्सीजन मास्क अभी लगा हुआ था; अतएव मन-ही-मन मैंने अपना राष्ट्रगान गाया। —इसी पुस्तक से जीवन में कुछ कर दिखाने; लकीर से हटकर कुछ करने का हौसला रखनेवाले जाँबाज युवा की प्रेरणाप्रद कहानी; जो किसी भी साहसिक व रोमांचपूर्ण कार्य को करने के लिए प्रेरित करेगी। "
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