यह किताब ज़िंदगी और मोहब्बत की उथल पुथल को समझने, समेटने और सँवारने को समर्पित है। ये बस एक कोशिश है इस बात को समझने कि जो कोई भी ज़िंदगी में जब भी मोहब्बत को छूकर गुज़रा है, उसने कब किस पल क्या महसूस किया। अगर बात आपके दिल को छू जाए, तो समझो कोशिश सफल रही। सारी रचनायें मेरे दिवंगत मित्र की कहानी पर आधारित हैं या यूँ कहें कि उस कहानी के किरदारों के ख्यालों का जो सिलसिला चला, ये बस उसी का लेखा जोखा है। मैनें ज़ज्बातों के साथ उनका माहौल भी बताने की कोशिश भी की है जो मेरे और आपके हालातों से बहुत जुदा नहीं हैं, इसलिए हर अल्फ़ाज़ हरेक के लिए है। मेरे मित्र की कहानी मेरी लेखनी के माध्यम से अमर रहे, ऐसी मेरी कामना है। कहानी खत्म हो जाती है, किरदार ज़िंदा रहता है, ज़रूरी नहीं कि मुकम्मल हो, पर प्यार हमेशा ज़िंदा रहता है।