Geeta Darshan (Vol 1): Bestseller Book by Ratnakara Narale: Geeta Darshan vol 1

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प्रस्तुत ग्रंथ ' गीता दर्शन ' ' गीता ' पर । हिंदी भाषा में एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो पाठकों को ' गीता ' के विषय को सही- सही समझने में मदद करता है, इसमें प्रत्येक शब्द के संस्कृत व्याकरण की व्याख्या करते हुए उसके मूल, शुद्ध और गैर- आलंकारिक अर्थ को समझाया गया है । यह ग्रंथ बेसिक संस्कृत वर्णक्रम के साथ आरंभ होकर धीरे - धीरे आगे बढ़ते हुए व्याकरण के सर्वाधिक कठिन भाग तक पहुँचता है, ताकि पाठक ' गीता ' की संस्कृत सीखने उग़ैर संस्कृत उद्धरणों से इसे समझने में सफल हो सकें । विवेकशील पाठक प्रत्येक शब्द का शुद्ध अर्थ निकाल सकता है, क्योंकि अर्थ से पहले दिए गए उसके व्याकरण सम्मत विश्लेषण से उसे सही और शुद्ध अर्थ समझने में मदद मिलती है ।

इस ग्रंथ का एक अन्य महत्त्वपूर्ण और अनन्य पक्ष ' गीता ' की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अध्याय, गीता में उद्धृत व्यक्तियों के रेखाचित्र और गीता से जुड़े व्यक्तियों के वंशवृक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, जिसे लेखक ने ' महाभारत ' में उपलब्ध जानकारी का उपयोग करते हुए बड़े ही कौशल और मनोयोग से चित्रित किया है ।

यह ग्रंथ ' गीता ' के पाठकों के लिए बहुत उपयोगी और और पठनीय है, चाहे वे नवशिक्षु हों या विद्वान् । यह सामान्य पाठकों और विद्यार्थियों, विद्वानों तथा लेखकों के लिए संदर्भ ग्रंथ के रूप में बहुत उपयोगी है ।

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Autoren-Profil

डॉ. रत्‍नाकर नराले डॉ. रत्‍नाकर नराले का जन्म नागपुर में हुआ । उन्होंने नागपुर विश्‍वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और पुणे विश्‍वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्योलॉजी ( आई. आईटी.). खड़गपुर से पी-एच.डी. किया । कविता, भारतीय संस्कृति, साहित्य और इतिहास में उनकी गहरी रुचि है । कंप्यूटर, मुद्राशास्त्र, चित्रकारी और अध्ययन उनके शौक हैं । उनकी सद्यः प्रकाशित ' गीता ज्ञान कोश ' डी.लिट. की उपाधि के लिए कवि-कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्‍वविद्यालय में प्रस्तुत की गई सामग्री का अंश है । अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उनकी आनेवाली पुस्तकें ' भारतीय इतिहास ' ' गीता ' और शब्दकोश -निर्माण जैसे विषयों पर हैं । उनकी अन्य कृतियाँ हैं- ' हिंदी फॉर इंगलिश स्पीकिंग पीपल ' ( इंडियन कल्चरल एडीशन तथा इंटरनेशनल एडीसन), ' संस्कृत फॉर इंगलिश स्पीकिंग पीपल' ' आत्म-गीता ' ( संस्कृत- अंग्रेजी), ' गीता दर्शन, खंड- 1, 2 ', ' गीता का शब्दकोश ' ( हिंदी), ' गीता दर्शन, खंड- 1, 2 ' (मराठी), ' गीतेच शब्दकोश ' ( मराठी), ' ए क्रीटिकल ट्रीटाइज ऑन दि गीता ' ( खंड- 1, 2) । ' ए ग्रामेटिकल डिक्‍‍शनरी ऑफ दि गीता ' ( शीघ्र प्रकाश्य) । संप्रति : यॉर्क यूनिवर्सिटी, टोरंटो में अंतरराष्‍ट्रीय एम.बी.ए. कार्यक्रम के लिए एडवांस्ट हिंदी पाठ‍्यक्रम का निर्देशन और अध्यापन । संस्कृत विद्या परिषद् के अध्यक्ष और हिंदू इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निग, टोरंटो में संस्कृत एवं 'गीता' अध्यापन, जिसके वे निदेशक और प्रिंसिपल हैं । उत्तरी अमेरिका में हिंदी भाषा के विकास हेतु प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदी चेतना' के परामर्शदाता । संपर्क : rnarale@yahoo.ca पर इ-मेल द्वारा या (905) 760-9958 पर फोन या फैक्स तथा 1, अभिनव कॉलोनी, सीतानगर, नागपुर, एम.एस., इंडिया या 694 Yorkhill Blvd., Thornhill, Ontario, Canada L4J 5L6.

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