MAIN HOON MALALA: MAIN HOON MALALA: The Inspiring Story of Malala Yousafzai
Anita Gaur
জানু ২০১৫ · Prabhat Prakashan
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ই-বুক
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এই ই-বুকের বিষয়ে
लड़कियों की शिक्षा की वकालत करनेवाली; तालिबानी आतंकियों के सामने न झुकनेवाली मलाला का जन्म 12 जुलाई; 1997 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात जिले में हुआ। मलाला के पिता स्वात में ‘खुशहाल पब्लिक स्कूल’ चलाते थे। तालिबानी स्कूलों को बंद करवा रहे थे; उस समय मलाला मात्र ग्यारह साल की थी। ज्यादातर महिलाएँ अत्याचार बरदाश्त करती रहती हैं और उसे सहना ही अपनी नियति मान लेती हैं। परंतु इस दुनिया में मलाला जैसी बच्ची भी है; जिसने तालिबान जैसे खूँखार आतंकी संगठन का खुला विरोध किया; उसे चुनौती दी। नतीजा यह कि इस मुखर आवाज को दबाने के लिए आतंकियों ने मलाला को गोली मार दी। जीवटता की मिसाल मलाला ने जूझते हुए मौत को भी मात दे दी। आतंकियों की इस क्रूर करतूत की सारी दुनिया ने कड़ी निंदा की। मलाला अपने साहस; अन्याय का विरोध करने और आतंकवाद के खिलाफ बिगुल बजाने तथा बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ते हुए विश्व जनमानस की चहेती बन गई। संसार के लोगों ने अपनेअपने तरीके से उसके कार्य को सराहा। उसकी सोलहवीं सालगिरह संयुक्त राष्ट्र संघ में मनाई गई। सन् 2014 में उसके साहस को रेखांकित करने के लिए विश्व का सबसे प्रतिष्ठित नोबल शांति पुरस्कार भी दिया गया। कम उम्र में ही अन्याय और आतंकवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करनेवाली मलाला यूसुफजई की प्रेरक जीवनगाथा; जो हर शांतिप्रिय और संवेदनशील पाठक को पसंद आएगी और उसे प्रेरित करेगी।
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