अरुण शौरी समसामयिक एवं राजनीतिक मामलों पर भारत के सबसे नामचीन टिप्पणीकारों में से एक हैं। इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने पिछली आधी सदी के ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम हीरोज’ (विश्व प्रेस स्वतंत्रता नायकों) में से एक कहकर उनकी सराहना की है, जिनके कार्य ने स्वतंत्रता को बनाए रखा है। निजीकरण पर उनके अग्रणी कार्यों के लिए ‘बिजनेस वीक’ ने उनकी ‘स्टार ऑफ एशिया’ (एशिया का सितारा) कहकर और ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ ने ‘बिजनेस लीडर ऑफ दी ईयर’ (वर्ष का कारोबारी नेता) कहकर प्रशंसा की है। भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सी.ई.ओ.) द्वारा उनकी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के ‘सर्वाधिक उल्लेखनीय मंत्री’ कहकर प्रशंसा की गई है। मैगसेसे पुरस्कार, दादाभाई नौरोजी पुरस्कार, दी फ्रीडम टु पब्लिश अवॉर्ड (छापने की स्वतंत्रता पुरस्कार), वर्ष का अंतरराष्ट्रीय संपादक, एस्टर अवॉर्ड, पद्म भूषण और अन्य सम्मानों से उन्हें अलंकृत किया गया है। एन.डी.ए. सरकार में उन्होंने कई विभाग सँभाले, जिसमें विनिवेश, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भी शामिल थे। अनेक विचारप्रधान पुस्तकों के यशस्वी लेखक।
Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai delves into the profound bond of motherhood, exploring parental love, sacrifice, and maternal instincts. Gain insights into the unconditional love, emotional journey, and nurturing aspect of the mother-child relationship. Experience the challenges and sacrifices of motherhood from a mother's perspective, highlighting the immense depth of a mother's love.