Jeevan Ke Ansuljhe Rahsya Ki Khoj /जीवन के अनसुलझे रहस्य की खोज: The Unsolved Mystery

· Notion Press
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“ जीवन के अनसुलझे रहस्य की खोज ” पुस्तक के माध्यम से लेखक ने योग एवं ध्यान के गूढ़ रहस्यों को सामान्य जनमानस तक पहुँचाने का कार्य किया है।


सुनीता ऐरन, वरिष्ठ सम्पादक, हिन्दुस्तान टाइम्स


लेखक ने महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के गूढ़ रहस्यों को, रूपक कथाओं के माध्यम से बड़े सरल व सहज़ रूप मे समझाया है, ताकि साधारण जनमानस भी इन गूढ़ रहस्यों को समझ सके।


परमेश्वर सिंह, वरिष्ठ लेखक एवं समाज सेवक


जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य सुख की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता है। जीवन में कभी सुख मिलता है तो कभी दुख, पर कुछ भी स्थायी नहीं रहता। इसी भागम-भाग में हमारा पूरा जीवन व्यर्थ निकल जाता है, पता ही नहीं चल पाता है कि हम कौन हैं और हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है।


इस पुस्तक में हमारे जीवन में आने वाले समस्त दुखों एवं समस्याओं के मूल कारण एवं उनके निराकरण के उपायों का वर्णन किया गया है। पुस्तक में रूपक कथाओं एवं मोबाइल फोन के माध्यम से, जीवन के सभी अनसुलझे रहस्यों को बड़ी सरलता से उजागर किया गया है, ताकि सदियों से गोपनीय रखे गए रहस्य, सामान्य जनमानस तक पहुंच सके। जीवन के गूढ़ रहस्यों को सरलता से समझाने के लिए, समाज के हर व्यक्ति के पास उपलब्ध मोबाइल फोन से शरीर की तुलना का प्रयोग किया गया है। पुस्तक को पढ़ने से साधारण मनुष्य भी ध्यान की विभिन्न विधियों, समाधि के रहस्य एवं जीवन के सत्य के विषय में जान सकेगा और फिर उसे अपने जीवन में आने वाली समस्याओं एवं कष्टों के निवारण के लिए कहीं जाने की, किसी से कुछ पूछने की या किसी धन-लोलुप, ढोंगी मनुष्य के जाल मे फसनें की आवश्यकता नहीं रहेगी। वह स्वयं ही जीवन की हर समस्या का निवारण करने में समर्थ होगा।


संक्षेप में, यह पुस्तक एक माला की भांति है, जिसमें पुष्प तो आइंस्टीन और स्टीफन हाकिंग जैसे वैज्ञानिकों की खोजों के हैं, परंतु जो बुद्ध, कृष्ण, महावीर, पैगंबर, नानक के संदेशो के स्वर्णिम धागे में पिरोया गया है। यह पुस्तक सात भागों में है, जिसका प्रथम भाग आपके हाथों में है।"

Ratings and reviews

4.7
16 reviews
A Google user
March 25, 2019
जीवन के सत्य को दर्शाने में एवम् उस सत्य का अनुभव कराने में सक्षम है यह पुस्तक। लेखक को इस पुस्तक के माध्यम से अपने अनुभवों को, जो की वास्तविक और सबके लिए समान हैं, साझा करने हेतु धन्यवाद।
3 people found this review helpful
Did you find this helpful?
Udhav Gorewar
September 18, 2022
good book 📚📖
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Arjun singh
October 25, 2022
so usefull
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About the author

पुस्तक के लेखक मनीष, भारत सरकार में भारतीय रेल सेवा (आई.आर.एस.ई.ई.) के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। लेखक योगा एवं ध्यान की कार्यशाला/ सेमिनार आयोजित करते रहे हैं। आपने एक मोटीवेशनल स्पीकर एवं ध्यान प्रशिक्षक के रूप मे भी कार्य किया है। लेखक ने अति दुरूह ध्यान प्रयोगों के माध्यम से उस परम सत्य/ रहस्य का अनुभव किया। आत्म- साक्षात्कार के उपरांत, आपने लगभग पंद्रह वर्षों तक विश्व के सभी धर्मों, भारतीय एवं पाश्चात्य दर्शन की विभिन्न शाखाओं और परम ज्ञान को उपलब्ध हुए अन्य समकालीन प्रबुद्ध विचारकों के ग्रन्थों का गहन अध्ययन एवं विश्लेषण किया। इस पुस्तक में लेखक ने आत्म साक्षात्कार से प्राप्त अपने अनुभवों के आधार पर, जीवन के उस परम रहस्य को, वर्तमान युग के परिप्रेक्ष्य मे, रूपक कथाओं एवं संकेतों के माध्यम से प्रस्तुत किया है।


संपर्क- sachidanand00011@gmail.com

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