बिपिनचंद्र पाल महान् समाज-सुधारक, शिक्षाविद्, आदर्शवादी एवं सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। जब उनका जन्म हुआ, उस समय भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की विप्लवकारी गतिविधियाँ अंतिम साँसें ले रही थीं। पूरा भारतवर्ष अंग्रेजों के अत्याचारों से त्रस्त था। बिपिनचंद्र पाल ने जीवन में सिद्धांतों और आदर्शों को सर्वापरि माना। जिसने अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व अर्पित कर दिया।