Nayi Naari : Sita Ki Maa : Shakuntala: Bestseller Book by Shriramvriksha Benipuri: Nayi Naari : Sita Ki Maa : Shakuntala

· Prabhat Prakashan
Электронная книга
144
Количество страниц

Об электронной книге

हिंदी गद्य के इतिहास में श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी अपनी असाधारण शैली के लिए याद किए जाते रहे हैं। उन्होंने इस पुस्तक के प्रबंधों में उत्पीड़न तथा शोषण से संत्रस्त नारी-जीवन के कटु यथार्थ को एक न्यायाधीश की भाँति निष्पक्षता, तार्किकता एवं निर्भीकता के साथ सोचकर वस्तुनिष्ठ रूप से सामने रखा है। कहीं-कहीं पर उनकी भाषा ने तीखा रूप ग्रहण किया है, लेकिन जैसा कि उन्होंने आरंभिक अति संक्षिप्त भूमिका में स्पष्ट किया है, हमारे समाज में नारी संबंधी विचारों में जो जड़ता देखी जाती है, उसे दूर करने के लिए झकझोरनेवाली झिंझोर की आवश्यकता थी, इसीलिए बेनीपुरी कई जगहों पर सख्त-सुस्त सुनाते हुए दिखाई देते हैं।

यह पुस्तक श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी की गंभीर विचार-प्रधान कृति है, जो नारी-समस्या के अलग-अलग पक्षों पर प्राचीन समय से लेकर वर्तमान काल तक की स्थितियों के आधार पर तर्कसम्मत नई धारणाएँ प्रस्तुत करती है।

नारी की अस्मिता और उसके

गौरव को पुनर्स्थापित करने के प्रयासों को बल देनेवाली, सुलझे विचारों की एक पठनीय पुस्तक।

Об авторе

जन्म : 23 दिसंबर, 1899 को बेनीपुर, मुजफ्फरपुर (बिहार) में। साहित्य सम्मेलन से विशारद। स्वाधीनता सेनानी के रूप में लगभग नौ साल जेल में रहे। कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक चुने गए। दिसंबर 1959 में पक्षाघात। 7 सितंबर, 1968 को निधन। संपादित पत्र : तरुण भारत, किसान मित्र, गोलमाल, बालक, युवक, कैदी, लोक-संग्रह, कर्मवीर, योगी, जनता, तूफान, हिमालय, जनवाणी, चुन्नू-मुन्नू तथा नई धारा। कृतियाँ : चिता के फूल (कहानी संग्रह); लाल तारा, माटी की मूरतें, गेहूँ और गुलाब (शब्दचित्र-संग्रह); पतितों के देश में, कैदी की पत्नी (उपन्यास); सतरंगा इंद्रधनुष (ललित निबंध); गांधीनामा (स्मृतिचित्र); नया आदमी (कविताएँ ); अंबपाली, नई नारी, सीता की माँ, शकुंतला, संघमित्रा, अमर ज्योति, तथागत, सिंहल विजय, रामराज्य, नेत्रदान, गाँव का देवता, नया समाज और विजेता (नाटक); हवा पर, वंदे वाणी विनायकौ, अत्र-तत्र (निबंध); मुझे याद है, जंजीरें और दीवारें, कुछ मैं कुछ वे (आत्मकथात्मक संस्मरण); पैरों में पंख बाँधकर, उड़ते चलो उड़ते चलो (यात्रा साहित्य); शिवाजी, विद्यापति, लंगट सिंह, गुरु गोविंद सिंह, रोजा लग्जेम्बर्ग, जय प्रकाश, कार्ल मार्क्स (जीवनी); लाल चीन, लाल रूस, रूसी क्रांति (राजनीति); इसके अलावा बाल साहित्य की दर्जनों पुस्तकें तथा विद्यापति पदावली और बिहारी सतसई की टीका।

Оцените электронную книгу

Поделитесь с нами своим мнением.

Где читать книги

Смартфоны и планшеты
Установите приложение Google Play Книги для Android или iPad/iPhone. Оно синхронизируется с вашим аккаунтом автоматически, и вы сможете читать любимые книги онлайн и офлайн где угодно.
Ноутбуки и настольные компьютеры
Слушайте аудиокниги из Google Play в веб-браузере на компьютере.
Устройства для чтения книг
Чтобы открыть книгу на таком устройстве для чтения, как Kobo, скачайте файл и добавьте его на устройство. Подробные инструкции можно найти в Справочном центре.