Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya: Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya: Popular Tales from the Panchatantra

· Prabhat Prakashan
3.5
4ଟି ସମୀକ୍ଷା
ଇବୁକ୍
29
ପୃଷ୍ଠାଗୁଡ଼ିକ

ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

पंचतंत्र की कहानियों की रचना आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व भारत के दक्षिण में स्थित तत्कालीन महिलारोप्य नामक नगर में राजा अमरशक्ति के शासनकाल में हुई। राजा अमरशक्ति ने अपने तीन मूर्ख और अहंकारी पुत्रों— बहुशक्ति; उग्रशक्ति और अनंतशक्ति के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सर्वशास्त्रों के ज्ञाता और कुशल ब्राह्मण पंडित विष्णु शर्मा को सौंपी।
राजकुमारों को व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित करने के लिए पंडित विष्णु शर्मा ने नीतिशास्त्र से संबंधित कथाएँ उन्हें सुनाईं। इन कथाओं में पात्रों के रूप में उन्होंने पशु-पक्षियों का वर्णन किया और अपने विचारों को कथारूप में मुख से व्यक्त कर राजकुमारों को उचित-अनुचित आदि का ज्ञान दिया व व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया।
राजकुमारों का शिक्षण पूरा होने पर पंडित विष्णु शर्मा ने इन कहानियों को पंचतंत्र की प्रेरक कहानियों के रूप में संकलित किया। आज भी इन अमर कथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा निश्चित ही नीतिशास्त्र में निपुण हुआ जा सकता है; इसमें जरा भी संदेह नहीं है।
हर आयु के पाठकों के लिए पठनीय; संग्रणीय और अनुकरणीय पुस्तक।पंचतंत्र की कहानियों की रचना आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व भारत के दक्षिण में स्थित तत्कालीन महिलारोप्य नामक नगर में राजा अमरशक्ति के शासनकाल में हुई। राजा अमरशक्ति ने अपने तीन मूर्ख और अहंकारी पुत्रों— बहुशक्ति; उग्रशक्ति और अनंतशक्ति के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सर्वशास्त्रों के ज्ञाता और कुशल ब्राह्मण पंडित विष्णु शर्मा को सौंपी।
राजकुमारों को व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित करने के लिए पंडित विष्णु शर्मा ने नीतिशास्त्र से संबंधित कथाएँ उन्हें सुनाईं। इन कथाओं में पात्रों के रूप में उन्होंने पशु-पक्षियों का वर्णन किया और अपने विचारों को कथारूप में मुख से व्यक्त कर राजकुमारों को उचित-अनुचित आदि का ज्ञान दिया व व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया।
राजकुमारों का शिक्षण पूरा होने पर पंडित विष्णु शर्मा ने इन कहानियों को पंचतंत्र की प्रेरक कहानियों के रूप में संकलित किया। आज भी इन अमर कथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा निश्चित ही नीतिशास्त्र में निपुण हुआ जा सकता है; इसमें जरा भी संदेह नहीं है।
हर आयु के पाठकों के लिए पठनीय; संग्रणीय और अनुकरणीय पुस्तक।

Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya by Mahesh Dutt Sharma: "Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya" (Popular Stories from Panchatantra) presents a collection of popular and timeless stories from the Panchatantra, an ancient Indian collection of fables and moral tales. Mahesh Dutt Sharma offers readers a delightful and educational experience through these classic narratives.

Key Aspects of the Book "Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya":
Ancient Wisdom: Mahesh Dutt Sharma brings to life the wisdom and moral lessons found in the Panchatantra's stories, which have been cherished for centuries.
Moral Values: The book highlights the importance of moral values, ethics, and life lessons through the engaging tales.
Educational Entertainment: Readers of all ages can enjoy and benefit from the entertaining and instructive stories of the Panchatantra.

Mahesh Dutt Sharma is an author known for his work in preserving and sharing classical Indian literature and wisdom. In "Panchatantra Ki Lokpriya Kahaniya," he offers readers an opportunity to engage with the timeless stories of the Panchatantra.

ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ ଓ ସମୀକ୍ଷା

3.5
4ଟି ସମୀକ୍ଷା

ଏହି ଇବୁକ୍‍କୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ

ଆପଣ କଣ ଭାବୁଛନ୍ତି ତାହା ଆମକୁ ଜଣାନ୍ତୁ।

ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ତଥ୍ୟ

ସ୍ମାର୍ଟଫୋନ ଓ ଟାବଲେଟ
Google Play Books ଆପ୍କୁ, AndroidiPad/iPhone ପାଇଁ ଇନଷ୍ଟଲ୍ କରନ୍ତୁ। ଏହା ସ୍ଵଚାଳିତ ଭାବେ ଆପଣଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟରେ ସିଙ୍କ ହୋ‍ଇଯିବ ଏବଂ ଆପଣ ଯେଉଁଠି ଥାଆନ୍ତୁ ନା କାହିଁକି ଆନଲାଇନ୍ କିମ୍ବା ଅଫଲାଇନ୍‍ରେ ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦେବ।
ଲାପଟପ ଓ କମ୍ପ୍ୟୁଟର
ନିଜର କମ୍ପ୍ୟୁଟର୍‍ରେ ଥିବା ୱେବ୍ ବ୍ରାଉଜର୍‍କୁ ବ୍ୟବହାର କରି Google Playରୁ କିଣିଥିବା ଅଡିଓବୁକ୍‍କୁ ଆପଣ ଶୁଣିପାରିବେ।
ଇ-ରିଡର୍ ଓ ଅନ୍ୟ ଡିଭାଇସ୍‍ଗୁଡ଼ିକ
Kobo eReaders ପରି e-ink ଡିଭାଇସଗୁଡ଼ିକରେ ପଢ଼ିବା ପାଇଁ, ଆପଣଙ୍କୁ ଏକ ଫାଇଲ ଡାଉନଲୋଡ କରି ଏହାକୁ ଆପଣଙ୍କ ଡିଭାଇସକୁ ଟ୍ରାନ୍ସଫର କରିବାକୁ ହେବ। ସମର୍ଥିତ eReadersକୁ ଫାଇଲଗୁଡ଼ିକ ଟ୍ରାନ୍ସଫର କରିବା ପାଇଁ ସହାୟତା କେନ୍ଦ୍ରରେ ଥିବା ସବିଶେଷ ନିର୍ଦ୍ଦେଶାବଳୀକୁ ଅନୁସରଣ କରନ୍ତୁ।