Samaj Sudharak Raja Rammohan Roy: Samaj Sudharak Raja Rammohan Roy: A Social Reformer by Mamta Jha

· Prabhat Prakashan
४.३
९ समीक्षाहरू
इ-पुस्तक
144
पृष्ठहरू

यो इ-पुस्तकका बारेमा

राजा राममोहन राय भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत और आधुनिक भारत में सामाजिक समरसता के जनक थे। वे ब्राह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषाई प्रेस के प्रवर्तक, जन-जागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नवजागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारत में स्वतंत्रता आंदोलन और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की।
हिंदी के प्रति उनका अगाध समर्पण था। वे रूढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे; लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्‍ट्र-गौरव उनकी थाती थे। उनका जन्म सन् 1774 में बंगाल में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें बँगला, संस्कृत, अरबी तथा फारसी भाषाओं का ज्ञान हो गया था। उन्होंने ब्राह्म समाज की स्थापना की तथा विदेश (इंग्लैंड व फ्रांस) भ्रमण भी किया। राममोहन राय ईस्ट इंडिया कंपनी की नौकरी छोड़कर राष्‍ट्र-सेवा में जुट गए। बाल-विवाह, सती-प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, परदा-प्रथा आदि का उन्होंने भरपूर विरोध किया और विधवा पुनर्विवाह पर जोर दिया। राजा राममोहन राय ने ‘ब्रह्ममैनिकल मैगजीन’, ‘संवाद कौमुदी’, ‘मिरात-उल-अखबार’, ‘बंगदूत’ जैसे स्तरीय पत्रों का संपादन-प्रकाशन किया।
प्रखर चिंतक और दूरद्रष्‍टा राजा राममोहन राय की सांगोपांग प्रेरक जीवन-गाथा।

Dive into the compelling biography of Raja Rammohan Roy, the father of Indian Renaissance, by Mamta Jha.
Samaj Sudharak Raja Rammohan Roy by Mamta Jha is a compelling biography of the great social reformer and educationist. Known as the father of the Indian Renaissance, Raja Rammohan Roy fought against social evils like sati and child marriage and was a strong advocate for women's rights and education. Jha's deep exploration of his life, struggles, and victories offer a profound understanding of the man behind the reforms. She artfully depicts the period's societal dynamics, drawing a vivid picture of Roy's brave endeavors against challenging odds.
This book serves as an excellent resource for students of history, social sciences, and those with an interest in social reform movements.
Mamta Jha, Raja Rammohan Roy, Social Reform, Indian Renaissance, Biography

मूल्याङ्कन र समीक्षाहरू

४.३
९ समीक्षाहरू

लेखकको बारेमा

ममता झा जन्म : 13 जनवरी, 1973 को सरीसाब पाही (मधुबनी), बिहार में। शिक्षा : हिंदी में स्नातकोत्तर। कृतित्व : आत्मविकास, समसामयिक विषयों पर पुस्तकें और अनेक महापुरुषों की जीवनियों का लेखन। पत्र-पत्रिकाओं में नियमित स्तंभ प्रकाशित।
Dive into the compelling biography of Raja Rammohan Roy, the father of Indian Renaissance, by Mamta Jha.

यो इ-पुस्तकको मूल्याङ्कन गर्नुहोस्

हामीलाई आफ्नो धारणा बताउनुहोस्।

जानकारी पढ्दै

स्मार्टफोन तथा ट्याबलेटहरू
AndroidiPad/iPhone का लागि Google Play किताब एप को इन्स्टल गर्नुहोस्। यो तपाईंको खातासॅंग स्वतः सिंक हुन्छ र तपाईं अनलाइन वा अफलाइन जहाँ भए पनि अध्ययन गर्न दिन्छ।
ल्यापटप तथा कम्प्युटरहरू
तपाईं Google Play मा खरिद गरिएको अडियोबुक आफ्नो कम्प्युटरको वेब ब्राउजर प्रयोग गरेर सुन्न सक्नुहुन्छ।
eReaders र अन्य उपकरणहरू
Kobo eReaders जस्ता e-ink डिभाइसहरूमा फाइल पढ्न तपाईंले फाइल डाउनलोड गरेर उक्त फाइल आफ्नो डिभाइसमा ट्रान्स्फर गर्नु पर्ने हुन्छ। ती फाइलहरू पढ्न मिल्ने इबुक रिडरहरूमा ती फाइलहरू ट्रान्स्फर गर्नेसम्बन्धी विस्तृत निर्देशनहरू प्राप्त गर्न मद्दत केन्द्र मा जानुहोस्।

Mamta Jha द्वरा थप

उस्तै इ-पुस्तकहरू