साधक शिष्य किस प्रकार आत्म-साक्षात्कार कर सकता है ।
गुरू की आवश्यकता, गुरू के प्रति शिष्य की भक्ति कैसी होनी चाहिए एवं गुरू के मार्गदर्शन के द्वारा साधक शिष्य किस प्रकार आत्म-साक्षात्कार कर सकता है, इस विषय में पूज्य श्री स्वामी शिवानन्दजी महाराज ने अपनी कई पुस्तकों में लिखा है।
वह सब संकलित करके अलग पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है |