Suno Vidyarthiyo: Bestseller Book by Mahatma Gandhi: Suno Vidyarthiyo

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पढ़ने-लिखने में एक साधारण सा बालक। मैट्रिक पास करके बड़े सपने लिये लंदन में वकालत पढ़ने जाता है कि वापस लौटकर ढेर सारा पैसा कमाएगा। लेकिन बैरिस्टर बनने के बाद जब वह भारत लौटता है तो उसकी वकालत चल नहीं पाती। उसका झेंपू और दब्बू स्वभाव उसकी उम्मीदों पर पानी फेर देता है। केस लड़ते समय उसे पसीना आ जाता है; पैर काँपने लगते हैं और जज तक उसका मजाक उड़ाते हैं। लेकिन जब वह शख्स दक्षिण अफ्रीका में नस्ल-भेद का शिकार होता है तो उसमें न जाने कहाँ से इतनी हिम्मत आ जाती है कि वह अंग्रेजी शासन से मुकाबले को उद्यत हो जाता है। इस हिम्मत के चलते वह लाखों देशवासियों को वर्षों की यातना से मुक्ति दिलवाता है और वही साधारण व्यक्ति शनै:-शनै: मानव से महात्मा में तब्दील हो जाता है।
गांधीजी ने इसे ‘सत्य की ताकत’ कहा है। सत्य के आग्रह को कुछ समय के लिए तो दबाया जा सकता है; लेकिन वह शाश्वत होता है; अंत में उसे स्वीकार करना ही होगा। सत्याग्रह की इसी ताकत ने गांधीजी को महात्मा बनाया और उन्होंने देश की आजादी के लिए प्रत्येक देशवासी को एक सिपाही में तब्दील कर दिया। दुखी मानवता के उद्धार के लिए गांधीजी जीवन भर लड़ते रहे।
प्रस्तुत पुस्तक में महात्मा गांधी के प्रेरणादायी एवं मागदर्शक कथनों को प्रस्तुत किया गया है। आशा है; सुधी पाठक एवं विद्यार्थी इससे खूब लाभान्वित होंगे।

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