Suvichar: सुविचार

·
· Dr. Umesh Puri
3,7
73 resensies
E-boek
233
Bladsye

Meer oor hierdie e-boek

सुविचार जीवन में प्रेरणा देते हैं। सुविचार के सार को जीवन में व्यवहार में लाने पर वे सार्थक हो जाते हैं। सुविचार सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। यहां प्रेरक व जीवनोपयोगी 200 सुविचार आपके लिए संकलित कर रहे हैं। ये सुविचार आपको जीवन में आपके लक्ष्य की प्राप्ति कराने में सहायक होंगे। यह पुस्तक आपको विचार सम्पन्न बनाने के साथ-साथ नूतन व उपयोगी प्रेरणा से ओतप्रोत करेगी।

Graderings en resensies

3,7
73 resensies

Meer oor die skrywer

 नाम-डॉ. उमेश पुरी 'ज्ञानेश्वर'
जन्मतिथि-2 जुलाई 1957
शिक्षा-बी.-एस.सी.(बायो), एम.ए.(हिन्दी), पी.-एच.डी.(हिन्दी)
सम्प्रति-ज्योतिष निकेतन सन्देश(गूढ़ विद्याओं का गूढ़ार्थ बताने वाला हिन्दी मासिक) पत्रिका का सम्पादन व लेखन। सन्‌ 1977 से ज्योतिष के कार्य में संलग्न।
अन्य विवरण पुरस्कार आदि -
- विभिन्न विषयों पर 74 पुस्तकें प्रकाशित एवं अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन।
- 6 ईबुक्स आॅनलाईन स्मैश वर्डस पर प्रसारित।
- 3 ईबुक अॅमेजन किंडल डायरेक्‍ट पब्‍लिशिंग पर आॅनलाईन प्रसारित।
- 32 ईबुक गूगल प्‍ले बुक्‍स पर आॅनलाईन प्रसारित।
- राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख, कहानियां एवं कविताएं प्रकाशित।
- युववाणी दिल्ली से स्वरचित प्रथम कहानी 'चिता की राख' प्रसारित।
- युग की अंगड़ाई हिन्दी साप्ताहिक में उप-सम्पादक का कार्य किया।
- क्रान्तिमन्यु हिन्दी मासिक में सम्पादन सहयोग का कार्य किया।
- भारत के सन्त और भक्त पुस्तक पर उ.प्र.हिन्दी संस्थान द्वारा 8000/- रू. का वर्ष 1995 का अनुशंसा पुरस्कार प्राप्त।
- रम्भा-ज्योति(हिन्दी मासिक) द्वारा कविता पर 'रम्भा श्री' उपाधि से अलंकृत।
- चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1989 में ज्योतिष बृहस्पति उपाधि से अलंकृत।
- पंचम अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन-1991 में ज्योतिष भास्कर उपाधि से अलंकृत।
- फ्यूचर प्वाईन्ट द्वारा ज्योतिष मर्मज्ञ की उपाधि से अलंकृत।
मेरा कथन-'मेरा मानना है कि जीवन का हर पल कुछ कहता है जिसने उस पल को पकड़ कर सार्थक बना लिया उसी ने उसे जी लिया। जीवन की सार्थकता उसे जी लेने में है।'

Lees inligting

Slimfone en tablette
Installeer die Google Play Boeke-program vir Android en iPad/iPhone. Dit sinkroniseer outomaties met jou rekening en maak dit vir jou moontlik om aanlyn of vanlyn te lees waar jy ook al is.
Skootrekenaars en rekenaars
Jy kan jou rekenaar se webblaaier gebruik om na oudioboeke wat jy op Google Play gekoop het, te luister.
E-lesers en ander toestelle
Om op e-inktoestelle soos Kobo-e-lesers te lees, moet jy ’n lêer aflaai en dit na jou toestel toe oordra. Volg die gedetailleerde hulpsentrumaanwysings om die lêers na ondersteunde e-lesers toe oor te dra.