Swami Vivekananda (Hindi edition): Bharat Main Guru Shishya Parampara Ki Mashal

· WOW PUBLISHINGS PVT LTD
4.6
60 reviews
Ebook
178
Pages

About this ebook

बेमिसाल गुरु लाजवाब शिष्य

इस पुस्तक के ज़रिए हम एक ऐसी महान विभूती के जीवन को आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिससे आप प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं| ये हैं स्वामी विवेकानन्द| इनकी जीवनी, आपके जीवन की नींव बन सकती है| यदि आपके जीवन को ऐसी मज़बूत नींव मिलेगी तो आपका जीवन भी दमदार बन जाएगा|

स्वामी विवेकानन्द के जीवन की नींव थे उनके बेमिसाल गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस| स्वामी विवेकानन्द का जीवन गुरु भक्ति की मिसाल है| श्री रामकृष्ण परमहंस के पास आकर विवेकानन्द की सत्य की खोज पूरी हुई और वे एक ऐसे लाजवाब शिष्य बने, जिन्होंने अपने गुरु की शिक्षाओं को पूरे विश्‍व में फैलाया|

स्वामी विवेकानन्द आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं और आदर्श प्रस्तुत करते हैं| उनका आत्मिक बल आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है| उनके कार्य और शिक्षाएँ आज भी युवाओं को सत्य के रास्ते पर चलना और फल की कामना किए बिना सेवा करना सिखाती हैं|
- यदि आप सत्य के खोजी हैं तो यह पुस्तक आपको शिष्य बनने की प्रेरणा देगी
- यदि आप शिष्य हैं तो यह पुस्तक आपको भक्त बनने का रास्ता दिखाएगी
- यदि आप भक्त हैं तो यह पुस्तक आपको भक्ति की अभिव्यक्ति करना सिखाएगी|

यदि आप भक्ति की अभिव्यक्ति कर रहे हैं तो निश्‍चित ही स्वामी विवेकानंद की जीवन-गाथा आपके भीतर निःस्वार्थ जीवन जीने की प्रेरणा जगाएगी… इसे अपने विकास के लिए ज़रूर पढ़ें|

Ratings and reviews

4.6
60 reviews
NEERAJ KUMAR MEENA
June 1, 2024
good 👍
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Satish Kataria
June 8, 2020
best book of swamiji life and teachings
5 people found this review helpful
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Kuldeep Singh
September 14, 2018
Thanks so much
28 people found this review helpful
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About the author

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।

उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।

सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’

सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अ‍ॅण्ड सन्स इत्यादि।

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