शायद ये कुछ जन्म पहले की बात होगी , जब हमने साथ साथ चलना शुरू किया होगा, अनन्त से एकाकार होने की राह पर.... हर जन्म के शरीरो में हमने हाथ थामे होंगे और हर बार वो छूटे होंगे दैहिक नश्रता के कारण ... लेकिन हमने साथ चलना कभी नहीं छोडा... संदेह या विदेह.. ठंडी ओस पर...