Vidyarthiyon Mein Avishkarak Soch: Vidyarthiyon Mein Avishkarak Soch: Inspiring Innovative Thinking in Students
Lakshman Prasad
2021 оны 1-р сар · Prabhat Prakashan
Электрон ном
120
Хуудас
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विद्यार्थियों में आविष्कारक सोच विकसित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे किसी भी बात को स्वीकार करने से पहले उसका तर्कसंगत संज्ञान लें। इस दृष्टि से हिंदी में लिखी गई संभवतया एकमात्र और पहली पुस्तक है। इसमें छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टि से सुसंपन्न करने और ‘नवाचार’ करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसको प्रश्नोत्तर के रूप में लिखने का प्रयास किया गया है। छात्रों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सरलता से समझाने की कोशिश की गई है; जिससे वे आसानी से उनको आत्मसात् कर लें। ‘नवाचार’ शब्द को बहुत ही स्पष्ट और सरलता से पारिभाषित किया गया है। ‘खोज’ एवं ‘आविष्कार’ किस प्रकार से नवाचार से भिन्न होते हैं; उस पर भी प्रकाश डाला गया है। पुस्तक में ‘नवाचार’ से संबंधित सभी पहलुओं जैसे—सृजनशीलता एवं नवाचार; शिक्षा एवं नवाचार; नवाचार का क्षेत्र; नवाचार की प्रक्रिया; नवाचार उत्पाद का नामकरण; नवाचार के लिए कार्यशाला; नवाचार पर आधारित उत्पाद का निर्माण; पेटेंट संबंधी जानकारी; नवाचार से लाभ; मान-सम्मान एवं पुरस्कार आदि पर प्रकाश डाला गया है; जिससे नवाचारी को नवाचार प्रक्रिया की जटिलता का आसानी से बोध हो सके। पुस्तक में कुछ ऐसे सफल नवाचारियों के विषय में वर्णन किया गया है; जिन्होंने राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। इसके अलावा कुछ ऐसे नवाचारियों के बारे में भी उल्लेख किया गया है; जो करोड़पति के साथ-साथ लोकोपकारी भी बने और शिक्षण; सामाजिक संस्थान आदि की स्थापना भी की। आशा है कि ऐसे नवाचारियों के विषय में जानकर पाठकगण प्रेरित होंगे।