इस कृति में अनेक प्रश्नों का समाधान किया गया है जो सामाजिक बिखराव के उन्मूलन तथा धार्मिक भ्रान्तियों के निवारण में सहायक है। इसमें भजन किसका करे, कर्मकाण्ड यज्ञ (हवन), ब्रह्मचर्य, गायत्री, युग धर्म, अहिंसा, पाप और पुण्य, सनातन धर्म, वर्ण व्यवस्था, विप्र, आर्य, गोरक्षा, सती, अवतार और दान इत्यादि की स्पष्ट व्याख्या दी गई है।