अपने अपने अजनबी (Hindi Sahitya): Apne Apne Ajnabi (Hindi Novel)

· Bhartiya Sahitya Inc.
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'मृत्यु से साक्षात्कार' को विषय बनाकर मानव के जीवन और उसकी नियति का इतने कम शब्दों में मार्मिक और भव्य विवेचन इस उपन्यास की गरिमा का मूल है। मृत्यु को सामने पाकर जैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते हैं और अजनबी बहचाने हुये। इस चरम स्थिति में मानव का सच्चा चरित्र उभरकर आता है - उसका प्रत्यय, उसका अदम्य साहस और उसका अलौकिक प्रेम भी, वैसे ही और उतने ही अप्रत्याशित ढंग से क्रियाशील हो उठते हैं, जैसे उसकी निम्नतर प्रवृत्तियाँ।... महान् साहित्यकार सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का महत्वपूर्ण उपन्यास - अपने अपने अजनबी

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सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"
(7 मार्च, 1911- 4 अप्रैल, 1987)
अज्ञेय को प्रतिभासम्पन्न कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक ऐतिहासिक स्थान में हुआ। बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहार और मद्रास में बीता। बी.एस.सी. करके अंग्रेजी में एम.ए. करते समय क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़कर फरार हुए और 1930 ई. के अन्त में पकड़ लिये गये। अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं। अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया। बहुआयामी व्यक्तित्व के एकान्तमुखी प्रखर कवि होने के साथ-साथ वे एक अच्छे फोटोग्राफर और सत्यान्वेषी पर्यटक भी थे।

 

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