मोहन राकेश
जन्म :- 8 जनवरी, 1925 अमृतसर (पंजाब)।
निधन :- 3 दिसंबर, 1972 को नई दिल्ली में।
शिक्षा :- पंजाब विश्वविद्यालय से हिंदी और अंग्रेजी में एम.ए.।
हिंदी के बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न नाट्यलेखक और उपन्यासकार।
जीवकोपार्जन के लिए विभिन्न स्कूल कॉलेजों में हिंदी-अध्यापन। उल्लेखनीय हैं—एलफिंस्टन कॉलेज, बंबई; डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर (हिंदी विभागाध्यक्ष); शिमला बिशप काटेन स्कूल, शिमला तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में सायंकालीन कक्षाएँ। कुछ वर्षों तक ‘सारिका’ के संपादक। नाट्यकार के नाते संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत-सम्मानित। महत्त्वपूर्ण और बहुचर्चित हिंदी उपन्यास ‘अँधेरे बंद कमरे’ का अंग्रेजी और रूषी भाषा में अनुवाद।
कृतियाँ :-
उपन्यास :- अँधेरे बंद कमरे, अंतराल, न आनेवाला कल।
नाटक :- अषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे-अधूरे, पैर तले की ज़मीन, रात बीतने तक तथा अन्य ध्वनि नाटक; शाकुंतल, मृच्छकटिक (अनूदित नाटक)।
एकांकी :- अंडे के छिलके, अन्य एकांकी तथा बीज नाटक।
कहानी संग्रह :- क्वार्टर, पहचान, वारिस, एक घटना, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, मेरी प्रिय कहानियाँ, बिना हाड़-मांस के आदमी (बालोपयोगी कहानी-संग्रह)।
निबंध :- बक़लम खुद, परिवेश।
यात्रावृत्त :- आखिरी चट्टान तक
अन्य :- एकत्र (अप्रकाशित, असंकलित रचनाएँ); पुनश्च (अश्क दम्पति के साथ पत्र-व्यवहार); नाट्य-विमर्श (नाट्य-चिंतन); साहित्य और संस्कृति (चिंतन)। रात की बाँहों में (कहानी संकलन)।
विशेष :- मोहन राकेश के सम्पूर्ण नाटक, मोहन राकेश की सम्पूर्ण कहानियाँ।