सब मर्द एक से नहीं होते (Hindi): All Men Are Not The Same (Hindi)

· Surendra Sukumar
4.3
64 reviews
Ebook
322
Pages

About this ebook

 स्त्री मन का अवचेतन एक रहस्यमयी गुफा की तरह होता है , जिसके अँधेरे कोने में न जाने कितने ब्रह्माण्ड छुपे रहते हैं | इस पुस्तक की सभी कथाओं  को  एक जिज्ञासू की तरह समझने का प्रयास किया गया है और जो कुछ भी , मैं अपनी समझ की सीमितता के कारण जान सका उसे ज्यों का त्यों इस में उतार दिया है |

यह ऐसे शंखों की ध्वनियाँ हैं , जो भीतर ही भीतर घुट कर रह गई हैं | इस तरह की घुटी हुई ध्वनियाँ , सधे हुए कानों तक ही पहुंच पाती हैं | इस तरह की हलचल का अर्थ है कि सहर (सुबह) , उफ़क (क्षितिज) पर खडी है |  

      एक नई सुबह की प्रतीक्षा में, प्रिय पाठकों की सेवा में प्रस्तुत एक , छोटा सा  प्रयास |

     इस पुस्तक की सम्पूर्ण कथा को अठारह अध्यायों में विभाजित किया गया है | एक-एक कहानी में अन्य कहानियां भी मिलेगी | ये कहानियां आपको कभी  हंसाएंगी , कभी रुलायेगी कभी गंभीरता से कुछ सोचने पर मजबूर भी कर देंगी |

    सभी पात्रों एवं स्थानों के नाम काल्पनिक  हैं | फिर भी यदि कहीं किसी नाम अथवा स्थान में समानता मिल जाए तो इसे मात्र संयोग ही माना जाए |

     इस पुस्तक में संकलित सभी कहानियां किसी न किसी प्रकार से एक दूसरे  से जुडी हुई है | स्वतंत्र रूप से पढ़ी जाएँ तो भी अपने आप में पूर्ण हैं , जैसे कि  हम हैं , किंतु सब मिल कर एक साथ में एक पूरा समाज , एक सम्पूर्ण कथा |

सुरेन्द्र 'सुकुमार' 

Ratings and reviews

4.3
64 reviews
Vijay Singh
July 7, 2015
An effort to express the idea about women.
18 people found this review helpful
Did you find this helpful?
Atul Mathur
January 12, 2018
दिल का क्या है, कदमों पे किसी के झुका हो या न हो। हमारी फितरत है झुकने की, सामने ख़ुदा हो या न हो।। ये हाल क्या हो गया हमारा, कहीं ये जुनून न हो। हम तो कहे जाते हैं, तू सुन रहा हो या न हो।। बहुत ही सुंदर।।।।
1 person found this review helpful
Did you find this helpful?
A Google user
April 20, 2018
Heart touching 😢
1 person found this review helpful
Did you find this helpful?

About the author

 मेरा परिचय मेरी रचनाएँ ही हैं |

      सारी कलाओं और ज्ञान का केंद्र मनुष्य होने से , सब एक अदृश्य सूत्र में बंध जाते हैं | जैसे गणित , काव्य से बंधा है | ज्योमेट्री , आर्किटेक्चर से बंधी है और एक सृजनकर्ता अपने पाठकों से |

      यह रचना , साधारण से शब्दों से बुना ऐसा  तानाबाना है , जिसमें वे छोटे-छोटे पल साँस ले रहे हैं जो इंसान को खुद से , कुदरत से और परिवार से जोड़ रहे हैं , स्वाभाविक और बनावटीपन से दूर ......

     60 के ऊपर हो गया हूँ | हमेशा दिल से काम लिया , दिमाग को कभी हावी नहीं होने दिया | इससे जिंदगी में कुछ ख़ुशी सहेज सका | ख़ुशी और गम का तो चोली-दामन का साथ रहता है , अतः उसका अलग से जिक्र क्या करना ? लेकिन , हर चीज का अंत आता है | मुझे ले जाने वाला वक़्त भी आएगा | वो जब भी आएगा , मैं उसे  भी ख़ुशी से हंस कर गले लगा लूँगा |

     पर , अभी कुछ समय शेष है | कुछ छोटे-छोटे पल हैं , जिन्हें सहेजना है , संवारना है | यादगार बनाना है |

   ‘तत्वम’ , ‘तुम तक’ , ‘ख़ुशी का मंत्र’ , ‘टेन ओन 10’ , 'ये तूने क्या किया' के बाद की रचना – “सब मर्द एक से नहीं होते” , आपके हाथों में है | आशा करता हूँ , प्रिय पाठकों के अमूल्य प्यार और बहुमूल्य समय को यह ‘कृति’ यथा संभव संतुलित कर पाए |  

                                सुरेन्द्र  ‘सुकुमार’                            

Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.