सामान्यत: हमारे आस-पास कहीं पर भी जब कुछ घटता है तो मानवीय स्वभाव उसे जानने की जिज्ञासा रखता है। इसी अपेक्षित माँग ने स्वाभाविक रूप से समाचारों की व्युत्पत्ति की। जानकारी को पा लेने की तीव्र आकांक्षा ही समाचार जगत् का प्राणतत्त्व है। दुनिया भर की जानकारी से रू-बरू होना समाचार-पत्रों द्वारा ही संभव है।
समाचार के मूल तत्त्व—सत्यता, नवीनता, सामयिकता, निकटता, मानवीयता, विशिष्टता, असाधारणता आदि हैं। समाचार किसी सामयिक घटना का तथ्यबद्ध, परिशुद्ध एवं निष्पक्ष विवरण है। अधिकाधिक लोगों की रुचियों को भानेवाला समाचार ही सर्वोत्तम होता है। समाचार सामयिक प्रकाशित संवाद भी है। यह समाचार-पत्र की आत्मा है।
वर्तमान में हिंदी जगत् में समाचार एवं फीचर लेखन पर पुस्तकों का नितांत अभाव है। इस पुस्तक में दी गई समस्त जानकारियाँ पाठकों को एक ओर जहाँ विषय की ‘थ्योरी’ का ज्ञान कराती हैं वहीं दूसरी ओर व्यावहारिक पक्ष को प्राथमिकता देने के कारण इसकी उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई है। पुस्तक को तैयार करने में विविध शोध संदर्भों, लेखों, विवरणों, पाठ्य सामग्रियों व अन्य जानकारियों को प्रयोग में लाया गया है।
पुस्तक को उपयोगी बनाने के लिए विविध प्रसंगों में उदाहरण-स्वरूप समाचारों के कुछ नमूने प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि पाठकगण विषय-वस्तु को और भी बेहतर ढंग से समझ सकें। विश्वास है, यह पुस्तक पत्रकारिता के छात्रों के साथ-साथ अन्य पाठकों के लिए भी जानकारीपरक व उपयोगी सिद्ध होगी।