Hindi Translation by Dr Alok KUmar

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 ताओ ते चिंग (Tao Te Ching) प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक लाओ त्सू(Lao-tzu)द्वारा रचित एक धर्म ग्रन्थ है जो ताओ धर्म का मुख्य ग्रन्थ भी माना जाता है। यह तीन शब्दों को लेकर बना है- 'ताओ' ('मार्ग') और 'दे' ('गुण' या 'शक्ति') - जिनके अंत में 'जिंग' ('पुरातन' या 'शास्त्रीय') लगाया जाता है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार लाओ त्सू नें इस ग्रन्थ को छठी सदी ईसापूर्व में लिखा था।

ताओ ते चिंग का सबसे पहला वाक्य है “ताओ जिसकी व्याख्या की जा सकती है वह सनातन ताओ नहीं है।“

ताओ के अनुयायियों के अनुसार ताओ में जिस मार्ग की बातें होती हैं वह सत्य, धर्म और पूरे ब्रह्मांड के अस्तित्व का स्रोत है।  


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