चंद्रयान-3: सफलता की तरफ बढ़ता कदम

SANJIVAN SAINI · AA bidezko narrazioa, Harsha narratzailearen ahotsarekin (Google-koa)
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भूमि से सिर्फ 238,855 मील (चाँद तक) की दूरी पर सफलतापूर्वक पहुँचना एक महाकाव्य हो सकता है, लेकिन यही भारत के वैज्ञानिकों ने 22 अक्टूबर 2008 को किया। यह कहानी है भारत के चंद्रयान मिशन की, जिसने चाँद पर वैज्ञानिक अन्वेषण की शुरुआत की और भारत को चंद्रमा अन्वेषण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।

एक रोमांचक कहानी पुस्तक है जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के उत्कृष्ट क्षणों को छूने का प्रयास करती है। इस पुस्तक में यह समर्थन दिया गया है कि इन मिशनों ने कैसे भारत को गर्वित बनाया और उसे वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से आगे बढ़ाने में कैसे मदद की।

इस पुस्तक की खासियतें:

अंशकार प्रदर्शन: पुस्तक में अंशकार प्रदर्शन शामिल होता है, जिससे पाठक इन मिशनों के महत्वपूर्ण हाइलाइट्स को देख सकते हैं।

सुंदर ग्राफिक्स: पुस्तक के भीतर सुंदर ग्राफिक्स और छवियाँ शामिल होती हैं, जो पढ़ने का अनुभव और रोचक बनाती हैं।

शिक्षाप्रद और मनोरंजन: यह पुस्तक शिक्षाप्रद और मनोरंजनिक है, और छोटे और बड़े पाठकों को अंतरिक्ष और विज्ञान के क्षेत्र में रोचक जानकारी प्रदान करती है।

एक अद्वितीय पुस्तक है जो भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की महत्वपूर्ण कहानियों को साझा करती है, जो हमारे देश की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति का प्रतीक हैं।

इस पुस्तक में प्रस्तुत की गई जानकारी चंद्रयान-1, 2, 3 और मंगलयान मिशन के साथ भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रयासों के आधार पर है, लेकिन कुछ हिस्से कल्पनात्मक हो सकते हैं। इसका उद्देश्य विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के महत्व को प्रस्तुत करना और उपाधिकृत और निर्भर जानकारी के साथ सामाजिक जागरूकता बढ़ाना है।

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