अमीरी के नियम

· Dr. Lalit Mohan Gupta
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अमीर होने के लिए, आपको अपने आप को पहले से अधिक बेहतर बनाना है, अमीर होने का अर्थ है, एक अच्छा निवेशक होना। बुद्धिमानी से निवेश करें समय और पैसों का। 

समय का सदुपयोग ही आपको अमीर बना सकता है। जब भी कोई कार्य करें अपनी अधिकतम शक्ति का प्रयोग करें। मन-मस्तिष्क आपका साथ देते है जब आप कुछ बड़ा करना चाहते।

जीवन में सभी लोग यह चाहते है की वे अमीर बन जायें, परन्तु वे सभी लोग अपने आप को आईने में देखकर खुद से आँख मिलकर क्या खुद से यह कह पाएंगे की मैंने अमीर बनने के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया।कहने का अर्थ है लोग केवल सोचते है करने के लिए जो समर्पण चाहिए होता है वह काम लोगों में भी होता है। इस किताब के माध्यम से आप यह जान पायेंगे की किस प्रकार आप अमीर बन सकते है, आप अपने पास जो संसाधन है उनका ही प्रयोग करके अमीर कैसे बनें यह किताब आपको सिखाएगी, परन्तु फिर भी कार्य आपको ही करना है। 

लोग अक्सर सिर्फ सोचते है और सोचते ही रह जाते है, एक ऐसा व्यक्ति बने जो निर्णय लें और अपने कार्य में जुट जाए। 

जीवन में लोगो के सामने कई परेशानियां आती है, परेशानियां का आना स्वाभाविक है। जीवन बिना परेशानियों के असंभव है, इंसान का जन्म भी कई कठिनाईयों के बाद ही होता है। 

समस्याएं आये तो जीवन में कई लोग थक हार कर बैठ जाते है, परन्तु जीवन रुकने के लिए नहीं बना है। जीवन में समय किसी के लिए नहीं रुकता, यदि किसी अपने की मृत्यु भी हो जाये तब भी यह नहीं रुकता। जीवन के दोनों पहलु है सकारात्मक भी और नकारात्मक भी, सकारात्मक व्यक्ति इसे हर स्थिति में सकारात्मक रूप में देखते है, वहीं जो लोग नकारात्मक होते है वे हर स्थिति में नकारात्मकता ढूंढ ही लेते है।  

मानव जीवन का मिलना किसी सौभाग्य से काम नही है, इस जीवन को भरपूर जिया जाये और इसका दूसरों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाना जरुरी होता है। 

जीवन की सार्थकता निरंतर चलते रहने में है, कठिनाई तो आते ही रहती है, मायूस होकर रुक जाना या फिर असफलता मिलने पर हारकर बैठ जाना इस आदत को बदला जा सकता है। जब हम जीवन को समझते है तब हम इसकी सार्थकता को भी समझ पाते है। 

जीवन एक नदी है तो आप उसमे बैठे नाविक है, यदि आपकी मंजिल समंदर है तो रुक जाने से काम नहीं चलेगा। मंजिल की चाहत है तो लगातार चलते रहना होगा ।      

   


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مصنف کے بارے میں

जीवन जीने की कला, तथा सफलता को कैसे प्राप्त करे यह डॉ ललित मोहन गुप्ता अपने सेमिनार में सिखाते है। डॉ ललित मोहन गुप्ता विद्यालय में प्राचार्य रह चुके है, जहाँ उन्होने प्रबंधन को संचालित करने के कई गुण विकसित किये। लोकव्यवहार की कला को सुद्रढ़ बनाते हुए जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता हासिल कर चुके डॉ ललित मोहन गुप्ता जीवन जीने के मंत्र लोगों से साझा कर चुके है अपनी किताब 'जीवन और प्रबंधन मंत्र' के द्वारा। डायनामिक मैमोरी गुरु डॉ ललित मोहन गुप्ता अपना नाम 'इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स ' में भी दर्ज़ करवा चुके है। मैमोरी का अधिकतम इस्तेमाल कैसे करे यह उनकी किताब पढ़कर समझा जा सकता हैश्री गुप्ता एक जाने माने प्रेरक वक्ता है जो छात्रों तथा कर्मचारियों को अपनी बातों से जीवन जीने की कला सिखाते है। कलारीपयट्टू को सभी मार्शल आर्ट का जनक भी कहा जाता है। डॉ गुप्ता ने बेंगलुरु से कलारीपयट्टू में निपुणता हासिल की है वे यह मानते है की कलारीपयट्टू न सिर्फ एक बेहतरीन युद्ध कला है, बल्कि साथ ही साथ यह जीवन जीने की कला भी सिखाती है। । 


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