पाणिग्रहण (Hindi Sahitya): Panigrahan (Hindi Novel)

·
· Bhartiya Sahitya Inc.
4,8
4 avis
E-book
393
Pages
Éligible

À propos de cet e-book

संस्कारों से सनातन धर्मानुयायी और शिक्षा-दीक्षा तथा संगत के प्रभाव के कारण प्रतीची विचारों से प्रभावित इन्द्रनारायण तिवारी की मानसिक अवस्था एक समस्या बनी रहती थी। इन्द्रनारायण के पिता रामाधार तिवारी जिला उन्नाव के एक छोटे से गाँव दुरैया में पुरोहिताई करते थे। दुर्गा, चंडी-पाठ, भागवत-पारायण, रामायणादि की कथा तो पुरोहितजी का व्यवसाय था। इसके अतिरिक्त घर पर भी पूजा पाठ होता रहता था। पुरोहितजी के घर के साथ संयुक्त रघुनाथजी का मन्दिर था और उसमें भी कथा-कीर्तन चला करता था। इन्द्रनारायण के ये बचपन के संस्कार थे।

Notes et avis

4,8
4 avis

À propos de l'auteur

गुरुदत्त

(8 दिसम्बर 1894 - 8 अप्रैल 1989 )

शिक्षा :- एम.एस-सी.।

लाहौर (अब पाकिस्तान) में जन्मे श्री गुरुदत्त हिन्दी साहित्य के एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं। वह उपन्यास-जगत् के बेताज बादशाह थे। अपनी अनूठी साधना के बल पर उन्होंने लगभग दो सौ से अधिक उपन्यासों की रचना की और भारतीय संस्कृति का सरल एवं बोधगम्य भाषा में विवेचन किया। साहित्य के माध्यम से वेद-ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का उनका प्रयास निस्सन्देह सराहनीय रहा है।

श्री गुरुदत्त के साहित्य को पढ़कर भारत की कोटि-कोटि जनता ने सम्मान का जीवन जीना सीखा है।

उनके सभी उपन्यासों के कथानक अत्यन्त रोचक, भाषा, अत्यन्त सरल और उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं, अपितु जन-शिक्षा भी है। राष्ट्रसंघ के साहित्य-संस्कृति संगठन ‘यूनेस्को’ के अनुसार श्री गुरुदत्त हिन्दी भाषा के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखक थे।

उपन्यास :- गुण्ठन, चंचरीक, आशा निराशा, सम्भवामि युगे युगे-भाग-1, सम्भवामि युगे युगे भाग-2, अवतरण, कामना, अपने पराये, आकाश-पाताल, अनदेखे बन्धन, घर की बात, आवरण, जीवन ज्वार, महाकाल, यह संसार, वाम मार्ग, दो भद्र पुरुष, बनवासी, प्रारब्ध और पुरुषार्थ, विश्वास, माया जाल, पड़ोसी, नास्तिक, प्रगतिशील, सभ्यता की ओर, मेघ वाहन, भगवान भरोसे, ममता, लुढ़कते पत्थर, लालसा, दिग्विजय, धर्मवीर हकीकत राय, दासता के नये रूप, स्वराज्य दान, नगर परिमोहन, भूल, स्वाधीनता के पथ पर, विश्वासघात, देश की हत्या, पत्रलता, भारतवर्ष का संक्षिप्त इतिहास, पथिक, प्रवंचना, पाणिग्रहण, परित्राणाय साधूनाम, गृह-संसद, सब एक रंग, विक्रमादित्य साहसांक, गंगा की धारा, सदा वत्सले मातृभूमे, पंकज, सागर-तरंग, भाव और भावना, दो लहरों की टक्कर-भाग 1, दो लहरों की टक्कर-भाग 2, सफलता के चरण, मैं हिन्दू हूँ, मैं न मानूँ, स्व-अस्तित्व की रक्षा, प्रतिशोध, भाग्य का सम्बल, बन्धन शादी का, वीर पूजा, वर्तमान दुर्व्यवस्था का समाधान हिन्दू राष्ट्र, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अन्तिम यात्रा, सुमति, युद्ध और शान्ति-भाग-1, युद्ध और शान्ति-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-1, जमाना बदल गया-भाग-2, जमाना बदल गया-भाग-3, जमाना बदल गया भाग-4, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-1, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-2, खण्डहर बोल रहे हैं-भाग-3, प्रेयसी, परम्परा, धरती और धन, हिन्दुत्व की यात्रा, अस्ताचल की ओर भाग-1, अस्ताचल की ओर-भाग-2, अस्ताचल की ओर-भाग-3, भाग्य चक्र, द्वितीय विश्वयुद्ध, भैरवी चक्र, भारत में राष्ट्र, बुद्धि बनाम बहुमत, धर्म तथा समाजवाद, विकार, अग्नि परीक्षा, जगत की रचना, अमृत मन्थन, जिन्दगी, श्रीराम।

Donner une note à cet e-book

Dites-nous ce que vous en pensez.

Informations sur la lecture

Smartphones et tablettes
Installez l'application Google Play Livres pour Android et iPad ou iPhone. Elle se synchronise automatiquement avec votre compte et vous permet de lire des livres en ligne ou hors connexion, où que vous soyez.
Ordinateurs portables et de bureau
Vous pouvez écouter les livres audio achetés sur Google Play à l'aide du navigateur Web de votre ordinateur.
Liseuses et autres appareils
Pour lire sur des appareils e-Ink, comme les liseuses Kobo, vous devez télécharger un fichier et le transférer sur l'appareil en question. Suivez les instructions détaillées du Centre d'aide pour transférer les fichiers sur les liseuses compatibles.