प्रादेशिक विकास एवं नियोजन राजसमन्द जिले का भौगोलिक विश्लेषण: Pradeshik Vikas avam Noyijan Rasamand Jile ka Bhaugolik Vishleshan

· Book Bazooka Publication
E-book
251
Páginas

Sobre este e-book

वर्तमान युग में भूगोलवेत्ताओं का सर्वाधिक रूचिकर विषय प्रादेशिक का अध्ययन करना ही नहीं उस प्रदेश के बारे में भावी नियोजन की रूपरेखा तैयार करना भी है। अतः नियोजन का अर्थ किसी निश्चित लक्ष्य को निर्धारित अवधि में प्राप्त करने का प्रयास है, अर्थात् नियोजन में वर्तमान आर्थिक संरचना को दृष्टिगत रखते हुए भविष्य के लिये लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं, अतः नियोजन का उद्देश्य भावी विकास होता है।

अतः वास्तविक संदर्भ में प्रादेशिक नियोजन क्षेत्र विशेष में व्याप्त पर्यावरण के संदर्भ में मानव समाज को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने का प्रयास है, जिससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ती होती रहें। अतः प्रदेश के सन्तुलित विकास की संकल्पना को साकार रूप देने के लिए उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का अध्ययन छोटी इकाई स्तर (micro level) पर प्रस्तुत किया है।

आधुनिक विकास के दौर में भूगोलवेत्ताओं का मौलिक दायित्व हैं कि हम उन पक्षों को उजागर करें जिससे सम्पूर्ण प्रदेश एवं राष्ट्र के भावी विकास की नीवं तैयार हो सकें।

इस पुस्तक में यह प्रयास किया गया हैं कि अध्ययन प्रदेश में उपलब्ध सामाजिक सुविधाओं एवं उद्योगों का विकास वहाँ के मानव अधिवासों के वितरण के अनुरूप हो, जिससे प्रदेश के संतुलित विकास की योजना प्रस्तुत की जा सकें।

आधुनिक युग में मानव की आवश्यकता मात्र जीवनयापन की नहीं हैं। वह अपने आपको विकसित समाज से जोड़ता है। अतः हमें समाज में ऐसा वातावरण प्रस्तुत करना चाहिए, जिससे कि प्रदेश में आवासित जनसंख्या को शिक्षा का अवसर मिलें, स्वास्थय के लिए, चिकित्सा समय पर उपलब्ध हो, एक-दूसरे के मध्य संचार स्थापित कर सकें। साथ ही गतिशीलता बनाये रखने के लिए परिवहन मार्ग एवं साधन उपलब्ध हो सके। उक्त सभी आधारभूत करकों से हम संतुलित विकास की रचना कर सकते हैं। प्रस्तुत अध्ययन में राजसमन्द जिले में विकास के उन सभी कारकों का अध्ययन जिला स्तर पर (Intra District Level) पर किया गया है। विकास के स्तर ज्ञात कर भावी विकास के लिए तहसील स्तर पर प्राथमिकता का निर्धारण किया गया।


Sobre o autor

डॉo कामिनी शर्मा वर्तमान में जीपीजेसी कॉलेज, उदयपुर भूगोल विभाग में लेक्चरर के पद पर कार्यरत है। इन्होंने पीएचडी,एमफिल एवं जीआईएस और रिमोट सेंसिंग में पीजी डिप्लोमा किया है ।

डॉo कामिनी शर्मा ने एम.फिल में जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर से स्वर्ण पदक भी प्राप्त किया है। इनके राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अनेक शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके है। 

इन्होंने " GIS Work on Udaipur Sanitation Project" में जीआईएस विशेषज्ञ के रूप में भी कार्य किया है। वर्तमान में डॉo कामिनी शर्मा राजस्थान भैगोलिक संघ की सदस्य भी है।

Avaliar este e-book

Diga o que você achou

Informações de leitura

Smartphones e tablets
Instale o app Google Play Livros para Android e iPad/iPhone. Ele sincroniza automaticamente com sua conta e permite ler on-line ou off-line, o que você preferir.
Laptops e computadores
Você pode ouvir audiolivros comprados no Google Play usando o navegador da Web do seu computador.
eReaders e outros dispositivos
Para ler em dispositivos de e-ink como os e-readers Kobo, é necessário fazer o download e transferir um arquivo para o aparelho. Siga as instruções detalhadas da Central de Ajuda se quiser transferir arquivos para os e-readers compatíveis.