विक्रांत और शोलों की नगरी (Hindi Novel): Vikrant Aur Sholo Ki Nagari (Hindi Novel)
ओम प्रकाश शर्मा · Om Prakash Sharma
दिस॰ 2013 · Bhartiya Sahitya Inc.
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अब उसका रिवाल्वर जगत के हाथों में था।..... वह उस पर रिवाल्वर ताने गुर्रा रहा था-'हरामी पुत्तर, अपने मामले में घपलेबाजी मुझे बर्दाश्त नहीं। अपने भी कुछ उसूल हैं वरना अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की ठगी का धन्धा न करता-फिरता। तुमने मेरे शिकार पर हाथ साफ कर दिया। तुम्हारी बोटियां अगारों पर तल-तल कर खाने के बाद ही सब्र आयेगा मुझे।' यह कहने के साथ ही उसने उने दो ठोकरें और जमा दीं। -इसी उपन्यास से
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