1. विपणन- अर्थ ( सूक्ष्म तथा वृहत् अर्थ में ), प्रकृति, क्षेत्र एवं महत्व 2. विपणन अवधारणा 3. विपणन मिश्रण ( अन्तर्लय ) विचार ( अवधारणा ) 4. विपणन पर्यावरण ( वातावरण ) 5. उपभोक्ता व्यवहार6. बाजार विभक्तिकरण एवं स्थितिकरण 7. उत्पाद 8. उत्पाद पहचान – ब्राण्ड, ट्रेडमार्क, पैकेजिंग तथा लेबलिंग 9. उत्पाद जीवन – चक्र 10. नवीन उत्पाद विकास 11. मूल्य अथवा कीमत निर्धारण 12. प्रवर्तन अथवा सम्वर्द्धन निर्णय 13. वैयक्तिक विक्रय 14. विज्ञापन प्रबन्ध 15. विक्रय – सम्वर्द्धन अथवा विक्रय प्रवर्तन अथवा विक्रय प्रसार 16. वितरण वाहिकाएँ अथवा वितरण माध्यम 17. थोक विक्रेता अथवा थोक वितरण प्रबन्ध 18. फुटकर वितरण प्रबन्ध 19. भौतिक वितरण प्रबन्ध 20. विपणन में अद्यतन विकास |
अतिरिक्त जानकारी :-
इस पुस्तक के लेखक आर. सी. अग्रवाल , भूतपूर्व प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष ( स्नातकोत्तर व्यवसाय प्रशासन विभाग श्री जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर) एवं डॉ . एन . एस . कोठारी, प्राचार्य एवं प्रोफेसर (मैनेजमेन्ट एण्ड कॉमर्स, इन्स्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल सिनर्जी, अजमेर) हैं।