EK THAA ISHWAR एक था ईश्वर: New Satires-2/ नये व्यंग्य-2

· New Satires नये व्यंग्य Книга 2 · Sanjay Grover
3,8
36 отзывов
Электронная книга
126
Количество страниц

Об электронной книге

नास्तिकता का अपना यह सफ़र बहुत दिलचस्प रहा।सामुदायिक ब्लॉग ‘नास्तिकों का ब्लॉग’ पर पहली पोस्ट लिखी-‘नास्तिकता सहज है’।


http://nastikonblog.blogspot.in/2010/04/blog-post_24.html


अच्छी बहस चली। दो-एक पोस्ट और लिखीं। आखि़री पोस्ट पर ज़बरदस्त बहस छिड़ गई, इतनी कि प्रतिपक्ष के लोग मेरे पीछे-पीछे फ़ेसबुक पर चले आए और बताने लगे कि नास्तिक होने या बने रहने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। उसी दिन मैंने फ़ेसबुक पर ‘नास्तिकThe Atheist’ नाम से ग्रुप बना दिया। इसमें बारह-तेरह लोग थे जिनमें से संभवतः कुछ वामपंथी और कुछ बसपाई मित्र थे। एक नया काम यह किया कि दूसरों की तरह हमने अपनी तरफ़ से किसीको ‘ऐड’ नहीं किया बल्कि जो लोग ख़ुद रिक्वेस्ट करते थे उन्हीं मे से कुछ को/सबको ले लेते एक काम यह किया कि हमने अपनी पोस्टों/विचारों या तर्कों को आस्तिकता के उन्हीं तर्कों तक सीमित रखा जो हमारे आस्तिक मित्र रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल करते हैं। अणु-परमाणु की बहसों की हमने तथाकथित ईश्वर के संदर्भ में क़तई परवाह नहीं की। छोटी से छोटी बात पर तर्क रखे, बहस की। नये से नये तर्क जो पहले कभी रखे नहीं गए थे। साल-भर के अंदर ग्रुप के बाहर भी नास्तिकता पर काफ़ी स्टेटस दिखाई देने लगे। सबसे मज़ेदार बात यह हुई कि जो लोग नास्तिकता का नाम भी लेने में हिचकिचाते थे, वे ख़ुदको असली नास्तिक और हमें नक़ली नास्तिक बताने लगे। मिलते-जुलते नामों से ग्रुप खुलने लगे। ख़ुद मैंने भी एक ब्लॉग ‘नास्तिकThe Atheist’ नाम से बना डाला।


http://nastiktheatheist.blogspot.in/


ग्रुप भी फ़ेसबुक पर चल ही रहा है और मैं ज़्यादा लफ़्फ़ाज़ी करके आपको बोर नहीं करना चाहता ; इस व्यंग्य-संग्रह को पढ़कर बाक़ी अंदाज़ा आप ख़ुद ही लगा लेंगे।

अगर आप नास्तिक नहीं हैं तो इस संग्रह को इसलिए पढ़ सकते हैं कि पढ़कर हमारी धज्जियां उड़ा सकें, हमें शर्मिंदा कर सकें, हमें सोचने पर मजबूर कर सकें।


-संजय ग्रोवर


(10-07-2015)

Оценки и отзывы

3,8
36 отзывов

Об авторе

ABOUT the AUTHER  लेखक के बारे में

ʘ SANJAY GROVER संजय ग्रोवर :

ʘ सक्रिय ब्लॉगर व स्वतंत्र लेखक.

ʘ Active Blogger and Freelance Writer.

ʘ मौलिक और तार्किक चिंतन में रुचि.

ʘ Inclined toward original and logical thinking.

ʘ नये विषयों, नये विचारों और नये तर्कों के साथ लेखन.

ʘ loves writing on new subjects with new ideas and new arguments.

ʘ फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी सक्रिय.

ʘ Also active on Facebook and Twitter.

ʘ पत्र-पत्रिकाओं में कई व्यंग्य, कविताएं, ग़ज़लें, नारीमुक्ति पर लेख आदि प्रकाशित.

ʘ Several satires, poems, ghazals and articles on women's lib published in various journals.

ʘ बाक़ी इन लेखों/व्यंग्यों/ग़जलों/कविताओं/कृतियों के ज़रिए जानें :-)

ʘ Rest learn by these articles/satires/ghazals/poems/creations/designs :-)

ʘ mob : 91-8585913486

ʘ blogs : www.samwaadghar.blogspot.com

ʘ email : samvadoffbeat@hotmail.com

ʘ home : 147-A, Pocket-A, Dilshad Garden, Delhi-110095 (INDIA)
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

BOOKS AVAILABLE ON THIS PLATFORM : क़िताबें जो  यहां उपलब्ध हैं- 

1.      सरल की डायरी Saral Ki Diary  

            https://play.google.com/store/books/details?id=02J-DwAAQBAJ

2.      EK THAA ISHWAR एक था ईश्वर: New Satires-2/ नये व्यंग्य-

            https://play.google.com/store/books/details?id=mgEmCgAAQBAJ

3.      Fashion OffBeat: 20 Designs for Shirts & Jackets

https://play.google.com/store/books/details?id=AVAnDwAAQBAJ

4.      Nirmaan-4/निर्माण-4: Children's Magazine/बच्चों की पत्रिका

https://play.google.com/store/books/details?id=_u8kDwAAQBAJ

 

5.      20 OF-BEAT IDEAS Of BOOK-COVER-DESIGNS: क़िताब-कवर के 20 ऑफ़-बीट, यूनिक़ डिज़ाइन

https://play.google.com/store/books/details?id=SKF8DwAAQBAJ

6.      Pictures of my Ghazals: ग़ज़लों की तस्वीरें

https://play.google.com/store/books/details?id=JMx8DwAAQBAJ

 

7.      Nirmaan-5/निर्माण-5: Children's Magazine/बच्चों की पत्रिका

https://play.google.com/store/books/details?id=i3BhDwAAQBAJ

 

8.      E Book Ke Faayde ईबुक के फ़ायदे

https://play.google.com/store/books/details?id=2VlQDwAAQBAJ

 

9.      Nirmaan-6/निर्माण-6: Children's Magazine/बच्चों की पत्रिका

https://play.google.com/store/books/details?id=OoZfDwAAQBAJ

10.  पागलखाना, पज़लें और पैरोडियां

https://play.google.com/store/books/details?id=zup_DwAAQBAJ

11.  पागलखाने का/के स्टेटस: Paagal-khaane Ka/Ke Status

https://play.google.com/store/books/details?id=eet_DwAAQBAJ

12.  मरा हुआ लेखक सवा लाख का

https://play.google.com/store/books/details?id=TlKFDwAAQBAJ

13.  ख़ुदाओं के शहर में आदमी

https://play.google.com/store/books/details?id=_lGFDwAAQBAJ

14.  चालू वर्सेज़ निराकार

https://play.google.com/store/books/details?id=0iaGDwAAQBAJ

15.  सवा अरब भ्रष्टाचार

https://play.google.com/store/books/details?id=IkOHDwAAQBAJ

16.  ये कोई बात हुई

https://play.google.com/store/books/details?id=9kSHDwAAQBAJ

17.  Nirmaan-5/निर्माण-5

https://play.google.com/store/books/details?id=i3BhDwAAQBAJ

18.  Nirmaan-6/निर्माण-6

https://play.google.com/store/books/details?id=OoZfDwAAQBAJ


Оцените электронную книгу

Поделитесь с нами своим мнением.

Где читать книги

Смартфоны и планшеты
Установите приложение Google Play Книги для Android или iPad/iPhone. Оно синхронизируется с вашим аккаунтом автоматически, и вы сможете читать любимые книги онлайн и офлайн где угодно.
Ноутбуки и настольные компьютеры
Слушайте аудиокниги из Google Play в веб-браузере на компьютере.
Устройства для чтения книг
Чтобы открыть книгу на таком устройстве для чтения, как Kobo, скачайте файл и добавьте его на устройство. Подробные инструкции можно найти в Справочном центре.

Продолжение серии

Другие книги автора SANJAY GROVER संजय ग्रोवर

Похожие электронные книги