Maun Mukul

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कोई भी मानव समाज और प्रकृति के विभिन्न अवस्थाओं के आधार पर कल्पना करता है, सौन्दर्य का बोध करता है, श्रद्धा-आस्था में विश्वास रखता है तथा परस्थितियों के अनुसार अपने मन के भावों को उजागर करता है।


मौन में अपार शक्ति होती है। प्रकृति के हर घटक धरती, सूरज चांद और सितारे एक दूसरे से जुड़े रहकर हमें समझाने का प्रयास करते हैं। पुष्प भी मौन रहकर जीवन के संदेश देते हैं।


"मौन मुकुल" मेरा दूसरा काव्य संग्रह है। इन कविताओं के माध्यम से अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास किया है। इस कविता संग्रह को जरूर पढ़िए और मेरा मार्गदर्शन कीजिए।


धन्यवाद।


"मौन की शक्ति गूढ़ अपार

जीवन शिक्षण के आधार

अंतर्मन को मिलती शक्ति

महान कार्य की होती सिद्धि

मूक रवि के ढलने का स्वर

पशु पक्षी आ जाते हैं घर

निःशब्द रात का प्रणय-निवेदन

शशि- रश्मि का मौन समर्पण

प्यासी धरती की अकुलाहट

प्यास बुझाते बादल झट-पट

मौन ही मौन का है ये स्वर

कर्म का रूप लेकर प्रखर

हर घटक के साथ लगाव

नहीं कोई बैर ना कोई दुराव "


"इसी काव्य संग्रह से"

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