Meri Antim Yatra

· Notion press
4.6
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About this eBook

इस पुस्तक में मैंने अपनी यात्रा लिखी है


हाँ अंतिम यात्रा

मृत्यु की हकीक़त को दर्शाया है।

जी हाँ मृत्यु, वह मृत्यु जिसे सबका पता मालूम है

बस हमें ही नहीं पता है कि मृत्यु आएगी पर हमें मार नहीं पाएगी।


श्रीमद्भागवतगीता के अध्ययन, संतों-महापुरूषों के वाणी को पढ़कर इस पुस्तक को पंक्तियों के रूप में व्यंग्य के साथ लिखा हूँ।


अंतिम यात्रा जिसे हम कहते हैं दरसल वह आध्यात्मिकता कि दृष्टि से बिलकुल ही अलग है। हम सत्य को नकाब में रख झूठ को सत्य कहते है। बस उसी झूठ का प्रदा हटा सत्य को लिखा है।


आशा है आप सब इस पुस्तक को पढ़ कर अपने जीवन को भी सत्य की ओर ले जाएंगे।

Ratings and reviews

4.6
18 reviews
अनसुने Alfaaz
7 July 2022
सांसारिक सारी चीजें नश्वर है, आत्मा कुछ संग ले जायेगी तो वो है केवल कर्म और धर्म| Writer has conveyed this message very well through this book. This book is simple and short but succeeded in its purpose of showing the real truth of this world. I loved reading it, hope you will like it too.
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Preeti Sharma
15 July 2022
वाह, एक बहुत ही अच्छी किताब जो हमारे जीवन की व्यथा बताती है। इस किताब को सभी को जरूर पढ़ना चाहिए ये किताब किसी भी इंसान को सच्चाई का आईना दिखा सकती है।
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Umesh Mewade
2 September 2023
जीवन का सत्य मृत्यु है। खाली हाथ आए है खाली हाथ जाना है इसलिए कहते है राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट। अन्त काल पछताएगा जब प्राण जायेगे छूट। बहुत अच्छा लिखा है सत्य को जानते सब है पर स्वीकार कोई करना नही चाहता इसे पढ़ने जीवन मे सत्य की ओर कदम मिला है और लोगो को मिल सकता है ।
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About the author

मैं आशीष कुमार हूँ। मुझे शैंकी के नाम से भी जाना जाता है। मेरा जन्म और पालन-पोषण रामगढ़, झारखंड में हुआ। मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त किया है। मैने जितनी ज़िन्दगी जी है। उससे तो इतना जान ही चुका हूँ कि जिंदगी जितना रुलाती है, मौत उतना ही तड़पाती है। सुना है किसी के पास कुछ ना हो तो हंसती है ये दुनिया। किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है ये दुनिया। पर मेरे पास जो है उसके लिए तरसती है ये दुनिया। जो भी हूँ, जैसा भी हूँ। अपने प्यारे महादेव का हूँ। मैं क्या कहूँ, खुद से खुद के बारे में? धीरे-धीरे आप सब जान जाएंगे।

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