अगर सारे पैसे एक ही जगह रखे जाएँगे तो गुम होने या चोरी होने की स्थिति में पास में एक भी पैसा नहीं रह जाएगा। यही वह सिद्धांत है, जिसे इंजीनियरिंग की भाषा में ‘सेफ्टी फैक्टर’ कहा जाता है और अर्थनीति की भाषा में ‘बैलेंस्ड पोर्टफोलियो’ कहा जाता है। म्यूचुअल फंड्स के साथ भी यही सिद्धांत लागू होता है, जहाँ शेयर में निवेश करने की जगह शेयरों के पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है, जिससे जोखिम कम-से-कम हो और अधिक-से-अधिक रिटर्न मिल सके। यही तरीका है, जिसे अपनाकर म्यूचुअल फंड्स अपने पोर्टफोलियो में शेयरों को चलाते हैं। इस तरह ये रिटर्न की संभावना बढ़ाते हैं और जोखिम कम उठाते हैं। एक निवेशक के रूप में इस सिद्धांत को अपनाकर लाभान्वित हुआ जा सकता है। समझदारी से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर बड़ी आसानी से प्रचुर धन कमाया जा सकता है। अगर म्यूचुअल फंड्स की प्रामाणिक जानकारी हमारे पास उपलब्ध हो तो हम आसानी से बाजार के जोखिमों से बचते हुए अपना कदम बढ़ा सकते हैं। म्युचुअल फंड में निवेश करते समय रखी जानेवाली सावधानियों और व्यावहारिक उपायों का दिग्दर्शन कराती एक पठनीय पुस्तक, जो आपकी जमा-पूँजी को सुरक्षित रखगी और उसकी श्रीवृद्धि भी करेगी।
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