प्रस्तुत कृति वर्तमान कोविड-19 वैश्विक महामारी की पृष्ठभूमि पर आधारित काव्य-संग्रह है, जो मूलतः स्वस्थ जीवन-शैली, जन-चेतना और कोरोना के विरुद्ध युद्धरत वीर सेनानियों के अभिनन्दन को लक्ष्य कर लिपिबद्ध की गयी है। कोरोना की दुस्सह पीड़ा के मध्य यह संग्रह मन में नयी आशा और स्फूर्ति का संचार करता है। संग्रह की प्रत्येक रचना महामारी पर निश्चित विजय का शंखनाद करती है। कोविड महामारी की विभीषिका के आरम्भ से ही गहन चिकित्सा कक्ष में कोविड-रोगियों के उपचार तथा प्रशासनिक उत्तरदायित्व के निर्वहन के मध्य कवि ने मानवता की चीत्कार को अत्यंत संवेदनशीलता से अनुभव किया है। एक कवि की संवेदना और चिकित्सक के अदम्य आत्मविश्वास से उपजी ये कविताएँ न केवल ढाढ़स बाँधती हैं, अपितु स्फटिक-सदृश स्पष्ट और सकारात्मक चित्रण के माध्यम से अनागत का पूर्वाभास भी कराती हैं। कोविड-अनुरूप व्यवहार की उपादेयता और एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर करते हुए कवि ने प्राचीन भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, राजयोग एवं मानवीय मूल्यों को एक नूतन आयाम दिया है।