Mrutyu Uparant Jeevan: Mrutyu Moka Ya Dhoka

· WOW PUBLISHINGS PVT LTD
4.7
12 reviews
Ebook
200
Pages

About this ebook

यह पुस्तक आपको न सिर्फ मृत्यु का दर्शन करवाती है बल्कि मृत्यु और मृत्यु उपरांत जीवन इस विषय पर समझ भी प्रदान करती है। मृत्यु एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में हर इंसान के मन में कई तरह के सवाल होते हैं और वे सवाल न सुलझने की वजह से वह हमेशा डर-डरकर जीवन जीता है। उसे इस विषय के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं होता और वह कभी इस बारे में खोज करने की कोशिश भी नहीं करता। बचपन से जो मान्यताएँ उसके मन में डाल दी गई हैं, वह उन्हीं मान्यताओं के आधार पर कई बातें मानकर और डर-डरकर जीवन जीता है। प्रस्तुत पुस्तक से मृत्यु की सही समझ पाकर महाजीवन की यात्रा का शुभारंभ करें।

Ratings and reviews

4.7
12 reviews
R.K Verma
September 30, 2018
Sirshree Dhanyavad u r gr8. Thank you for being in my life.
1 person found this review helpful
Did you find this helpful?
Prakash Mane
September 30, 2018
Dhanywad sirshree,Thank u being in my life....
1 person found this review helpful
Did you find this helpful?
Panjab Jadhav
October 1, 2018
Happy thoughts
2 people found this review helpful
Did you find this helpful?

About the author

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।

उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।

सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’

सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

Rate this ebook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Center instructions to transfer the files to supported eReaders.