Tattva Gyan

· Yogi Anand Ji
4.8
133 件のレビュー
電子書籍
440
ページ

この電子書籍について

तत्त्वज्ञान जैसे जटिल एवं गहन विषय पर अधिकारपूर्वक लिखना किसी अनुभवी योगी या तत्त्वज्ञानी के द्वारा ही संभव है. शास्त्रों एवं संतो द्वारा एकस्वर से स्वीकार किया गया है कि मानव जीवन की चरम सार्थकता इसी में है कि वो दृढ़ अभ्यास  के द्वारा तत्त्वज्ञान प्राप्त करके अपने मूल स्वरूप को उपलब्ध हो जाए. योगी श्री आनन्द जी ने प्रस्तुत पुस्तक "तत्वज्ञान" में विषय की बारीकी से विवेचना की है. समाधि और ज्ञान के बारे में ऐसी सूक्ष्म एवं दुर्लभ  जानकारी सहज ही पाठक को मंत्रमुग्ध कर देती है. वास्तव में यह पुस्तक योगी श्री आनन्द जी की विशेषता को भी प्रकट करती है. साधना में थोड़ी उन्नति होने से या सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान से जो लोग तत्वज्ञानी होने के भ्रम में जी रहे हैं उनके लिए यह पुस्तक औषधि की तरह है. कुल मिलाकर यह पुस्तक योगी श्री आनन्द जी के अनुभव-सागर से निकला हुआ ऐसा रत्न है जो दीर्घकाल तक साधकों को साधना पथ पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा. 

評価とレビュー

4.8
133 件のレビュー

著者について

Yogi Anand Ji is a living legend of yogic practices. He is a tattvagyani yogi owing to his intense sadhana and samadhi. He has played a vital role in transforming lives of many sadhakas across the globe.

この電子書籍を評価する

ご感想をお聞かせください。

読書情報

スマートフォンとタブレット
AndroidiPad / iPhone 用の Google Play ブックス アプリをインストールしてください。このアプリがアカウントと自動的に同期するため、どこでもオンラインやオフラインで読むことができます。
ノートパソコンとデスクトップ パソコン
Google Play で購入したオーディブックは、パソコンのウェブブラウザで再生できます。
電子書籍リーダーなどのデバイス
Kobo 電子書籍リーダーなどの E Ink デバイスで読むには、ファイルをダウンロードしてデバイスに転送する必要があります。サポートされている電子書籍リーダーにファイルを転送する方法について詳しくは、ヘルプセンターをご覧ください。