The Great History of Ajmer: अजमेर का वृहत् इतिहास

Shubhda Prakashan
5.0
4 шүүмж
Электрон ном
840
Хуудас

Энэ электрон номын тухай

जिस अजमेर नगर ने हर युग में भारत वर्ष के बड़े से बड़े शासक की नींद उजाड़ी हो तथा जिस अजमेर के लिये लाखों मनुष्यों ने अपने बलिदान दिये हों, उस अजमेर नगर का इतिहास लिखना अत्यंत दुष्कर कार्य है। मैंने अजमेर को पहली बार ई.1968 में देखा और दूसरी बार जून 1979 में। अगस्त 1980 से अप्रेल 1984 तक मैं दयानंद महाविद्यालय अजमेर का विद्यार्थी रहा। 12वीं शताब्दी ईस्वी में हसन निजामी ने लिखा है- "अजमेर के बागीचे सात रंगों से सजे हुए हैं। इसकी पहाड़ियाँ तथा जंगल का चेहरा चीन की प्रसिद्ध चित्रदीर्घा का स्मरण करवाता है। इसके उद्यानों के पुष्प इतनी सुगंध देते हैं मानो उन्हें स्वर्ग से धरती पर भेजा गया हो। प्रातःकाल की सुगंधित वायु, बागीचों में इत्र छिड़क देती है और पूर्व से आने वाली लहरियां ऐसी लगती हैं जैसे ऊद जलाई गई हो। जंगल के कपड़े सनबाल तथा बन्फशा के पुष्पों से सुगंधित रहते हैं। सुबह की श्वांस ऐसी आती है जैसे कपड़ों से गुलाब तथा पोस्त के पुष्पों की खुशबू आ रही हो। अजमेर की मिट्टी में तिब्बत के हिरणों की कस्तूरी की सुगंध है। अजमेर के मीठे पानी के फव्वारे स्वर्ग के फव्वारों से प्रतिस्पर्धा करते हैं। उनका जल इतना स्वच्छ है कि रात में भी फव्वारों के तले में डाला गया कंकर साफ दिखाई देता है। इन फव्वारों का जल सलसबिल के जल की तरह मीठा है और यह जीवन देने वाले जल के रूप में स्थित है। नगर तथा उसके चारों ओर का क्षेत्र बहुत सुंदर है। इसके वातावरण में हर ओर चमक तथा प्रकाश है। इसके पुष्पों में सौंदर्य एवं शुचिता है। इसकी वायु एवं धरती में शुचिता है। जल तथा वृक्ष प्रचुर मात्रा में हैं। यह अनवरत आनंद तथा विलास का स्थल है।" इस अनोखे नगर का रोमांचक इतिहास पढ़िए डॉ. मोहनलाल गुप्ता की कलम से निकले 840 पन्नों के अद्भुत ग्रंथ में।

Үнэлгээ, сэтгэгдэл

5.0
4 шүүмж

Зохиогчийн тухай

डॉ. मोहनलाल गुप्ता आधुनिक युग के बहुचर्चित एवं प्रशंसित लेखकों में अलग पहचान रखते हैं। उनकी लेखनी से अब तक पांच दर्जन से अधिक पुस्तकें निृःसृत हुई हैं जिनमें से अधिकांश पुस्तकों के कई-कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं।

डॉ. गुप्ता हिन्दी साहित्य के जाने-माने व्यंग्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार एवं नाट्यलेखक हैं। यही कारण है कि उनकी सैंकड़ों रचनाएं मराठी, तेलुगु आदि भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित हुईं।

इतिहास के क्षेत्र में उनका योगदान उन्हें वर्तमान युग के इतिहासकारों में विशिष्ट स्थान देता है। वे पहले ऐसे लेखक हैं जिन्होंने राजस्थान के समस्त जिलों के राजनैतिक इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक इतिहास को सात खण्डों में लिखा तथा उसे विस्मृत होने से बचाया। इस कार्य को विपुल प्रसिद्धि मिली। इस कारण इन ग्रंथों के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं तथा लगातार पुनर्मुद्रित हो रहे हैं।

डॉ. मोहनलाल गुप्ता ने भारत के विशद् इतिहास का तीन खण्डों में पुनर्लेखन किया तथा वे गहन गंभीर तथ्य जो विभिन्न कारणों से इतिहासकारों द्वारा जानबूझ कर तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाते रहे थे, उन्हें पूरी सच्चाई के साथ लेखनीबद्ध किया एवं भारतीय इतिहास को उसके समग्र रूप में प्रस्तुत किया। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. गुप्ता के इतिहास ग्रंथ विशेष रूप से पसंद किए जा रहे हैं। इन ग्रंथों का भी पुनमुर्द्रण लगातार जारी है।

राष्ट्रीय ऐतिहासिक चरित्रों यथा- अब्दुर्रहीम खानखाना, क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल,सवाई जयसिंह,भैंरोंसिंह शेखावत, सरदार पटेल तथा राव जोधा आदि पर डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणादायी इतिहास नायकों को जानने का अवसर दिया।

प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन, मखमली शब्दावली और चुटीली भाषा, डॉ. मोहनलाल गुप्ता द्वारा रचित साहित्य एवं इतिहास को गरिमापूर्ण बनाती है। यही कारण है कि उन्हें महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन से लेकर मारवाड़ी साहित्य सम्मेलन मुम्बई, जवाहर कला केन्द्र जयपुर तथा अनेकानेक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय महत्व के पुरस्कार दिए गए।

Энэ электрон номыг үнэлэх

Санал бодлоо хэлнэ үү.

Унших мэдээлэл

Ухаалаг утас болон таблет
Андройд болон iPad/iPhoneGoogle Ном Унших аппыг суулгана уу. Үүнийг таны бүртгэлд автоматаар синк хийх бөгөөд та хүссэн газраасаа онлайн эсвэл офлайнаар унших боломжтой.
Зөөврийн болон ердийн компьютер
Та компьютерийн веб хөтчөөр Google Play-с авсан аудио номыг сонсох боломжтой.
eReaders болон бусад төхөөрөмжүүд
Kobo Цахим ном уншигч гэх мэт e-ink төхөөрөмжүүд дээр уншихын тулд та файлыг татаад төхөөрөмж рүүгээ дамжуулах шаардлагатай болно. Файлуудаа дэмжигддэг Цахим ном уншигч руу шилжүүлэхийн тулд Тусламжийн төвийн дэлгэрэнгүй зааварчилгааг дагана уу.

Dr. Mohan Lal Gupta-н дэлгэрэнгүй

Төстэй электрон ном