Thakur Ka Kuan - Munshi Premchand: ठाकुर का कुआं - मुंशी प्रेमचंद

· LOTUS PUBLICATION · Narrado por Munshi Premchand
Audiolibro
9 min
Versión extendida
Apto

Acerca de este audiolibro

ठाकुर का कुआं

ठाकुर का कुआं: ग्रामीण परिवेश को लेकर उफंची तथा नीची जाति संस्कृति को उकेरती यह कहानी आम आदमी की दिल की गहराई तक उतर जाती है। कहानी की नायिका गंगी गांव के ठाकुरों के डर से अपने बीमार पति को स्वच्छ पानी तक नहीं पिला पाती है। इस विवशता को पाठक अपने अंतर तक महसूस करता है, यही लेखक की महानता का परिचायक है। कितने दुर्भाग्य की बात है कि यह कुप्रथा आज भी स्वतंत्रा भारत के हजारों गांवों में बदस्तूर जारी है। इसके अलावा हम इस पुस्तक में मुंशी प्रेमचंद की अन्य कहानियों को भी शामिल कर रहे हैं जो न केवल सरल भाषा में लिखी गयी हैं बल्कि पढ़ने वालों को नई प्रेरणा और सीख भी देती हैं। दुनिया में प्रथम पंक्ति के सुविख्यात लेखक प्रेमचंद की कहानियों का यह भाग उनकी मूल रचना है। इसमें किसी तरह की कांट-छांट नहीं की गयी है। हिन्दी साहित्य के यशस्वी लेखक मुंशी प्रेमचन्द की रचनाओं ने कोटि-कोटि हिन्दी पाठकों के हृदय को तो छुआ ही है, साथ-ही-साथ अन्य भाषाभाषियों को भी प्रभावित किया है। उनकी रचनाएं साहित्य की सबलतम निध् िहैं। उनकी कहानियों को मानसरोवर के आठ खंडों में समाहित किया गया है, जिसे डायमंड पाकेट बुक्स ने आकर्षक आवरण में चार भागों में प्रकाशित किया है। इस खंड में हम उनकी यादगार कहानी ठाकुर का कुआं को प्रस्तुत कर रहे हैं।

कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद

कलम के जादूगर प्रेमचंद की कहानियाँ आज भी बड़े ही ध्यान और सम्मान के साथ सुनी जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं प्रेमचंद की वो कहानियाँ जो उनके कथा संकलन ‘मान सरोवर’ से ली गई हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ अपने समय की हस्ताक्षर हैं जिनमें आप तब के परिवेश और समाज को भी बखूबी समझ सकते हैं। यूं तो मुंशी जी ने अपनी कहानियाँ हिंदी में ही लिखी हैं फिर भी हमारा ये प्रयास है

Califica este audiolibro

Cuéntanos lo que piensas.

Información sobre cómo escuchar contenido

Smartphones y tablets
Instala la app de Google Play Libros para Android y iPad/iPhone. Como se sincroniza de manera automática con tu cuenta, te permite leer en línea o sin conexión en cualquier lugar.
Laptops y computadoras
Puedes leer los libros que compres en Google Play mediante el navegador web de tu computadora.

Más de Munshi Premchand

Audiolibros similares

Narrado por Munshi Premchand