कलकत्ता '85 (Hindi Sahitya): Kalkatta '85 (Hindi Stories)

·
· Bhartiya Sahitya Inc.
2,5
2 arvustust
E-raamat
152
lehekülge
Sobilik

Teave selle e-raamatu kohta

 कथाशिल्पी विमल मित्र जी बंगला भाषा के ही नहीं, अपितु समस्त भारतीय भाषाओं के गौरव-स्तम्भ हैं। उनका साहित्यिक अवदान—परिणाम और गुणवत्ता, दोनों में ही—चिरस्मरणीय रहेगा। शरत् बाबू के बाद किसी ने समस्त भारतीयों का हृदय जीता है, तो वे हैं श्री विमल मित्र ही। विभिन्न चरित्रों की सृष्टि में इन्हें महारत हासिल है। ऐतिहासिक, पटभूमि में विरचित अपने उपन्यासों में इन्होंने प्रायः दो शताब्दियों के सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक चित्र को कुशलता के साथ प्रस्तुत किया है। अतीत के गौरव के साथ-साथ इन्होंने वर्तमान काल के अवक्षय को बखूबी दिग्दर्शित किया है। प्रस्तुत संकलन में कुल बारह कहानियां सम्मलित की गई हैं

Hinnangud ja arvustused

2,5
2 arvustust

Teave autori kohta

 

विमल मित्र

 

(18 दिसंबर 1912 - 1991) 


विमल मित्र ख्यात बांग्ला लेखक व उपन्यासकार थे।

विमल ने सन्‌ 1938 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बांग्ला साहित्य में एम.ए. की उपाधि ली और रेलवे में विभिन्न पदों पर नौकरी की। जून 1956 में डिप्टी चीफ कंट्रोलर के पद से इस्तीफा दे दिया और स्वतंत्र लेखन करने लगे। उन्होंने भारतीय साहित्य को लगभग साढ़े तीन दशकों तक लिखते हुए 60 से अधिक उपन्यास और कहानी संग्रह दिए हैं। उनकी सर्वाधिक चर्चित कृतियों में साहिब बीवी और गुलाम शामिल है, जिस पर एक लोकप्रिय फिल्म का भी निर्माण हुआ। मुजरिम हाजिर नाम उनकी एक अन्य कृति पर एक लोकप्रिय टीवी धारावाहिक का भी निर्माण हुआ।


रचनाएं 

 

'साहब बीवी और गुलाम', 'खरीदी कौड़ियों के मोल' (दो-खंड), 'इकाई, दहाई, सैकड़ा', 'बेगम मेरी विश्वास' (दो खंड), 'दायरे के बाहर', 'मैं', 'राजा बादल', 'चरित्र', 'गवाह नंबर 3', 'वे दोनों', 'काजल', 'कन्यापक्ष', 'रोकड़ जो नहीं मिली,' 'चलो कलकत्ता,' 'हासिल रहा तीन', 'तपस्या', 'राग भैरवी', 'सुबह का भूला' आदि हैं।


Hinnake seda e-raamatut

Andke meile teada, mida te arvate.

Lugemisteave

Nutitelefonid ja tahvelarvutid
Installige rakendus Google Play raamatud Androidile ja iPadile/iPhone'ile. See sünkroonitakse automaatselt teie kontoga ja see võimaldab teil asukohast olenemata lugeda nii võrgus kui ka võrguühenduseta.
Sülearvutid ja arvutid
Google Playst ostetud audioraamatuid saab kuulata arvuti veebibrauseris.
E-lugerid ja muud seadmed
E-tindi seadmetes (nt Kobo e-lugerid) lugemiseks peate faili alla laadima ja selle oma seadmesse üle kandma. Failide toetatud e-lugeritesse teisaldamiseks järgige üksikasjalikke abikeskuse juhiseid.