जीवन-जिज्ञासा / Jivan Jidnyasa

· Ramakrishna Math, Nagpur
৩.০
২ টা পৰ্যালোচনা
ইবুক
64
পৃষ্ঠা

এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशनचे महाध्यक्ष, स्वामी रंगनाथानंदजी महाराज व्याख्यान-दौर्याच्या निमित्ताने अमेरिकेस व अन्य देशांना दरवर्षी भेटी देत असत. 1982 मध्ये अशाच एका दौर्यात ते शिकागो येथे होते. तेथील विवेकानंद वेदान्त सोसायटीचे त्यावेळचे प्रमुख, स्वामी भाष्यानंदजी यांच्या विनंतीवरून त्यांनी व्याख्यानाऐवजी श्रोत्यांचे शंका-समाधान करण्याचे मान्य केले. श्रोतृवृंद स्थानिक भारतीय आणि अमेरिकन असा संमिश्र होता. श्रोते आपल्या शंका प्रश्नांच्या स्वरूपात मांडत आणि स्वामी रंगनाथानंदजी त्या प्रश्नांना सविस्तर उत्तरे देत. हे कार्यक्रम ध्वनिमुद्रित व नंतर टंकलिखित होत असत. टंकलिखित प्रत स्वामी रंगनाथानंदजी पुन्हा स्वत: पाहत असत. सर्वच प्रश्न जीवनाच्या विविध अंगांना स्पर्श करणारे असत. सामान्य माणसाच्या मनात धर्म, कर्म, अध्यात्म, साधना, संस्कार, गुरुशिष्य-संबंध, वेदान्त आणि विज्ञान, देश-विदेशांचे परस्पर संबंध, धर्मांतराद्वारा धर्मप्रसार या विषयांसंबंधात विविध प्रश्न उठतात. अशा विविध प्रश्नांची सांगोपांग चर्चा ह्या प्रश्नोत्तरांमध्ये आली आहे. समाजापुढील आजचे प्रश्न आणि आधुनिक विचारधारा यांच्या अनुषंगाने ही उत्तरे येथे ग्रथित झालेली आहेत. स्वामी रंगनाथानंदजींची विवेचनशैली सरळ व हृदयाला भिडणारी आहे.

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